राजस्थान हाई कोर्ट की नई पहल, जजों के 'माय लॉर्ड' की जगह 'श्रीमानजी' पुकारने को कहा
राजस्थान हाई कोर्ट ने एक नई पहल की शुरुआत की है. अब यहां पर जजों को संबोधित करते समय ‘माय लॉर्ड’ या ‘योर लॉर्डशिप’ कहने की पुरानी परंपरा को खत्म कर उन्हें ‘सर’ या फिर 'श्रीमानजी' बोलने को कहा है.
जोधपुर: देश के किसी भी हाई कोर्ट में पहली बार, राजस्थान हाई कोर्ट ने वकीलों द्वारा जजों को संबोधित करते समय ‘माय लॉर्ड’ या ‘योर लॉर्डशिप’ कहने की पुरानी परंपरा को खत्म कर उन्हें केवल ‘सर’ बोलने को कहा है.
हाई कोर्ट ने जोधपुर और जयपुर में अपनी दो पीठों के सभी न्यायाधीशों की बैठक में रविवार को जजों के लिए किए जाने वाले संबोधन के संबंध में यह फैसला लिया.
हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल द्वारा सोमवार को जारी अधिसूचना में कहा गया है कि संविधान में वर्णित समानता का सम्मान के लिए पूर्ण अदालत ने 14 जुलाई 2019 को अपनी बैठक में सर्वसम्मति से वकीलों और अदालत में पेश होने वालों को माननीय न्यायाधीशों को संबोधित करते समय ‘माय लॉर्ड’ या ‘योर लॉर्डशिप’ कहने से परहेज करने को कहा है.
अधिसूचना में वकीलों और याचिकाकर्ताओं को जजों को संबोधित करते समय सिर्फ ‘सर’ या 'श्रीमानजी' कहकर पुकारने को कहा गया है.
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