क्या है पूरा मामला
जोधपुर में एक हिंदू लड़की घर से भागकर मुसलमान बन गई. इसके बाद परिवार हाईकोर्ट पहुंचा तो खुलासा हुआ कि दस रुपये के स्टांप पेपर पर हस्ताक्षर कराकर पायल सिंघवी नाम की हिंदू लड़की आरिफा बन गई. परिवार का आरोप है कि बहला फुसलाकर पायल का धर्म परिवर्तन कराया गया है.
पायल के घरवालों के मुताबिक, वो 25 अक्टूबर तक घर में ही रह ही थी, अचानक वो गायब हो गई. परिवार जब पुलिस के पास पहुंचा तो पता चला कि पायल मुसलमान बन चुकी है और 14 अप्रैल 2017 को उसका निकाह फैज मोदी के साथ हो चुका है.
धर्म परिवर्तन करने के लिए देश में कोई नियम क्यों नहीं है?- हाईकोर्ट
इसपर हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से पूछा है कि जब कोई इंसान अपना नाम बदलता है तो उसके लिए नियम कायदे हैं, तो फिर धर्म परिवर्तन करने के लिए देश में कोई नियम क्यों नहीं है? अगर है तो क्या हैं? बताया जाएं.
कोर्ट ने यह भी कहा है कि सिर्फ निकाह करने से धर्म परिवर्तन नहीं हो सकता. कल तो कोई भी कह देगा कि मैं मुसलमान हो गया, अगले दिन ईसाई और फिर तीसरे दिन हिंदू बन गया. ये तो नहीं हो सकता.इसके लिए कोई ना कोई नियम या कानून तो होगा.
न्यायाधीश गोपाल कृष्ण व्यास ने की तल्ख टिप्पणी
न्यायाधीश गोपाल कृष्ण व्यास ने तल्ख टिप्पणी करते हुए यहां तक कह दिया कि कल मैं भी दस रुपए में शपथ पत्र पर स्वयं को गोपाल मोहम्मद लिख सकता हूं क्या?
कोर्ट ने पायल को नारी निकेतन भेजने का आदेश दिया
लड़की के भाई चिराग सिंघवी की अर्जी पर राजस्थान हाईकोर्ट ने पायल उर्फ आरिफा को नारी निकेतन भेजने और पुलिस को पूरी जांच करके रिपोर्ट देने के आदेश दिए हैं. कोर्ट ने कहा कि निकाहनामा में जो गवाह हैं और कोर्ट में जो शपथ पत्र दिया है वो अलग अलग है ऐसे में फैज मोदी की तरफ से पेश किए गए दस्तावेज फर्जी लग रहे हैं.
अब सात नवंबर को राज्य सरकार को इस पर कोर्ट को जवाब देना है. फिलहाल इस मामले के सामने आने के बाद धर्म परिवर्तन को लेकर बड़ी बहस छिड़ गई है.