भावुक विदाई: जोधपुर एयरबेस से आखिरी बार उड़ा मिग-27, करगिल युद्ध में निभाई थी अहम भूमिका
अब कोई भी देश मिग-27 विमान का इस्तेमाल नहीं करता. इस फाइटर जेट ने 1999 की करगिल जंग में बड़ी भूमिका निभाई थी. तब से भारतीय वायुसेना के पायलट इस विमान को बहादुर नाम से बुलाते हैं.
जोधपुर: 38 साल तक धाक जमाने वाला भारतीय वायुसेना का लड़ाकू विमान मिग-27 आज रिटायर हो गया है. राजस्थान के जोधपुर एयरबेस पर आज सुबह करीब 10 बजे मिग-27 ने आखिरी उड़ान भरी. ये लड़ाकू विमान 38 साल पहले वायुसेना में शामिल किया गया था. इतना ही नहीं इसने करगिल युद्ध में अहम भुमिका निभाई थी. आज मिग-27 इतिहास हो गया है.
इस विमान को बहादुर नाम से बुलाते हैं वायुसेना के पायलट
बता दें कि अब कोई भी देश मिग-27 विमान का इस्तेमाल नहीं करता. इस फाइटर जेट ने 1999 की करगिल जंग में बड़ी भूमिका निभाई थी. तब से भारतीय वायुसेना के पायलट इस विमान को बहादुर नाम से बुलाते हैं.
1981 में किया गया था वायुसेना में शामिलRajasthan: Indian Air Force retires MiG-27 today at Air Force Station Jodhpur pic.twitter.com/lClqHd5ifa
— ANI (@ANI) December 27, 2019
मिग-27 साल 1981 में पहली बार भारतीय वायुसेना में शामिल किया गया था. ये मिग विमान तत्कालीन सोवियत रूस से खरीदे गए थे. ये उस दौर का सबसे बेहतरीन फाइटर जेट था. ये हवा से जमीन पर हमला करने का बेहतरीन विमान था और 1700 किमी/घंटे की रफ्तार से उड़ान भरने में सक्षम था. इतना ही नहीं इन विमानों में साथ 4 हजार किलो हथियार ले जाने की क्षमता भी थी.
बढ़ने लगी थीं क्रैश होने की घटनाएं
दरअससल हाल ही में मिग विमानों के क्रैश होने की घटनाएं बढ़ने लगी थीं. इसी साल 31 मार्च को जोधपुर में सिरोही के पास मिग-27 गिर गया था. 4 सितंबर को भी जोधपुर के पास ये विमान हादसे का शिकार हुआ था. बताया जाता है कि इस विमान के इंजन में कुछ तकनीकी खामी थी, जिसे दूर नहीं किया जा सका.
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