जयपुर: राजस्थान के निगम चुनावों में पहले चरण के लिए वोटिंग शुरू हो गई है. राजधानी जयपुर सहित तीन प्रमुख शहरों में छह नगर निगमों पर वोटिंग चल रही है. दो चरणों में 35.97 लाख से अधिक मतदाता 560 वार्ड पार्षद चुनेंगे. राज्य के जयपुर, जोधपुर और कोटा के नवगठित छह नगर निगमों (जयपुर हैरिटेज, जयपुर ग्रेटर, जोधपुर उत्तर, जोधपुर दक्षिण, कोटा उत्तर और कोटा दक्षिण) में कुल मिलाकर 560 वार्ड पार्षद के लिए चुनाव हो रहा है.


कई दिग्गजों की साख दांव पर लगी


इस चुनाव में सीएम अशोक गहलोत समेत कांग्रेस और बीजेपी के कई दिग्गजों की साख दांव पर लगी है. बीजेपी के लिए जहां इन शहरी निकायों में अपना दबदबा बनाए रखने की चुनौती है. वहीं, कांग्रेस को भरोसा है कि उसकी सरकार के बीस महीने के कामकाज से संतुष्ट मतदाता उसके पक्ष में वोट करेंगे.


जयपुर, जोधपुर और कोटा, पिछली बार इन तीनों ही जगह बीजेपी के बोर्ड थे. कांग्रेस सरकार ने सत्ता में आने के बाद वार्डों का परिसीमन कर इन तीनों शहरों में दो- दो निगम बनाए हैं और उसके बाद ये पहले चुनाव हैं. इस चुनाव में 16.54 लाख से अधिक मतदाता 250 वार्ड पार्षद चुनने के लिए वोट डालेंगे. मतदान का दूसरा चरण एक नवंबर को और मतगणना तीन नवंबर को होगी.


मुख्यमंत्री गहलोत का गृहनगर है जोधपुर


आंकड़ों से परे इन निगम चुनाव के परिणामों को मुख्यमंत्री गहलोत सहित केंद्र और राज्य के मंत्रियों, विधायकों और बीजेपी नेताओं की प्रतिष्ठा से जोड़कर देखा जा रहा है. जोधपुर मुख्यमंत्री गहलोत का गृहनगर है तो केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत का भी शहर है. कोटा लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला और राज्य के सबसे कद्दावर मंत्रियों में से एक शांति धारीवाल का गृहनगर है. जयपुर में बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां के साथ-साथ सरकार के मुख्य सचेतक महेश जोशी और मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है.


बीजेपी को जीत की पूरी उम्मीद


नगर निकायों के लिहाज से ये तीनों शहर बीजेपी के गढ़ रहे हैं. पिछली बार तीनों जगह बीजेपी के बोर्ड थे और बीजेपी को उम्मीद है कि इस बार भी मतदाता उसके पक्ष में जाएंगे. बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां के अनुसार राज्य की सत्तारूढ़ कांग्रेस 2018 में किए अपने चुनाव वादों पर खरा नहीं उतरी है और मतदाता उसे सबक सिखाएंगे. वहीं, कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने भरोसा जताया कि इन शहरों के मतदाता कांग्रेस के कामकाज पर मुहर लगाते हुए वहां कांग्रेस का बोर्ड बनाएंगे.


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