कोटा: कोचिंग सिटी में रौनक लौटने लगी है. एक बार फिर कोटा के रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड, कोचिंग इंस्टीट्यूट, हॉस्टल्स, मेस और मॉल्स में हलचल बढ़ने लगी है. शहर के डिस्प्ले बोर्ड, होर्डिंग्स पर कोचिंग संस्थानों के विज्ञापन नजर आने लगे हैं. कोचिंग संस्थानों के एडमिशन डेस्क पर पूछताछ सुबह से शाम तक होने लगी है. कोरोना वायरस महामारी के चलते 10 महीने से बंद कोचिंग संस्थानों में क्लासरूम कोचिंग आज 18 जनवरी से शुरू हो गई है. स्टूडेंट्स इसके लिए तैयार हैं और पहले ही दिन से पढ़ाई के लिए कोटा आने लगे हैं. कोटा में वर्तमान में करीब 25 हजार स्टूडेंट्स हैं. हजारों स्टूडेंट्स की ऑफलाइन कक्षाएं आज से शुरू हो गईं. कोचिंग संस्थानों में कोविड गाइडलाइन को पूरी तरह से फोलो किया जा रहा है. यही नहीं कोचिंग कैम्पस के क्लासरूम में भी साफ-सफाई से लेकर अन्य व्यवस्थाएं की जा रही हैं.


उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार की ओर से 18 जनवरी से क्लासरूम कोचिंग शुरू करने की अनुमति मिलने के साथ ही कोटा में हलचल बढ़ गई थी. राज्य सरकार की कोविड गाइडलाइन और जिला प्रशासन द्वारा जारी की गई एसओपी का भी कोचिंग, हॉस्टल और मैस में पालन करने के पूरे प्रबंध किए गए हैं. कोचिंग इंस्टीट्यूट में जहां क्लासरूम में छात्रों के बैठने के लए मार्किंग की गई है, वहीं फुट स्टीकर के माध्यम से छात्रों को चलते समय सोशल डिस्टेंसिंग रखने का संदेश दिया जा रहा है. एंट्री प्वाइंट पर सैनिटाइजेशन, टेम्परेचर लेने की व्यवस्थाएं की गई हैं. इसके अलावा कैम्पस में कोविड जागरूकता के लिए पोस्टर और स्लोगन लगाए गए हैं. कक्षाओं में विद्यार्थियों की संख्या में कमी के साथ ही सैनिटाइजेशन की भी व्यवस्था की गई है.


अल्ट्रा वायलट सैनिटाइजेशन
शहर के कोचिंग इंस्टीट्यूट में विद्यार्थियों को स्वस्थ व स्वच्छ माहौल देने के लिए अल्ट्रा वायलट सैनिटाइजेशन किया जा रहा है. यहां क्लासरूम में अल्ट्रा वायलट सैनिटाइजेशन सिस्टम लगाया जा रहा है, जिसमें सेंसर्स लगे हुए हैं. क्लासरूम खाली होने के साथ सैनिटाइजेशन शुरू हो जाएगा. निर्धारित समय तक सैनिटाइजेशन के बाद खुद ही ऑफ भी हो जाएगा.


हर तबके में खुशी
कोटा में क्लासरूम कोचिंग शुरू होने से हर वर्ग के चेहरे पर खुशी है. यहां सड़क किनारे रेहड़ी लगाकर आजीविका कमाने वाले लोगों से लेकर बड़े होटल, रेस्टोरेंट और अन्य व्यवसाय करने वाले सभी खुश हैं. बीते 10 महीनों में यहां कई व्यवसाय बंद होने की स्थिति में थे. कोचिंग बंद होने से कोटा में सैकड़ों लोग बैरोजगार हो गए थे. कोचिंग पर निर्भर करीब दो लाख लोगों के परिवारों पर आजीविका का संकट आ गया था. अब क्लासरूम कोचिंग शुरू होने से हर वर्ग में फिरे आगे बढ़ने की आस जगी है. छात्रों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए 31 बेड का अस्पताल भी शुरू किया गया है. इसके अलावा कैम्पस में भी प्राथमिक उपचार की सुविधाएं विकसित की जा रही हैं, ताकि बीमारी की स्थिति में छात्रों के लिए एक ऐसा विकल्प भी हो, जहां उन्हें प्राथमिक उपचार मिल सके.


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