राजस्थान: प्याज पर लॉकडाउन और गर्मी की मार, कम दाम निकाल रहे हैं किसानों के आंसू
लॉकडाउन और गर्मी के चलते किसानों को काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है. बंपर पैदावार के बावजूद वो प्याज की लागत भी नहीं निकाल पा रहे हैं. हालात ये हैं कि किसानों को प्याज औने पौने दाम पर बेचना पड़ रहा है.
जयपुर: प्याज काटते वक़्त आंखो से आंसू निकलना सामान्य बात है लेकिन खेत में तैयार प्याज़ की फ़सल ही किसान के आंसू निकाल दे बात चिंता की है. राजस्थान के जोधपुर में प्याज़ किसान अपनी फ़सल की लागत से बहुत कम मिल रहे दामों को वजह से आंसू बहा रहे हैं.
कोरोना के कारण चार चरण का लॉकडाउन अब अपनी रंगत दिखा रहा है. उद्योग धंधे चौपट हैं तो छोटे बड़े कारोबारी बेहाल है. अब किसान भी कोरोना काल की चपेट में आ चुके हैं. इस बार जोधपुर जिले में प्याज की बंपर पैदावार हुई है. बंपर पैदावार होने के बाद भी प्याज़ की मांग नहीं बढ़ रही क्योंकि लॉकडाउन के कारण अन्य राज्य व जिले में प्याज ले जाने मे किसान -व्यापारी को परेशानी आ रही है. इसके चलते किसानों को प्याज उनके खेतों में पड़ा है.
अब किसानों को चिंता सता रही है. हाल ये है कि जिस प्याज़ की उपज करने में प्रति किलो बारह रुपए की की लागत आ रही है वहीं प्याज़ बाजार में अभी सिर्फ़ 3 से 4 रुपए किलो बिक रहा है. ये सब हालात किसान की आंखों में आंसू लाने की बड़ी वजह है.
किसानों का प्याज की फसल कटकर खेतों में तैयार पड़ी है लेकिन अब गर्मी ने तेवर दिखाने शुरू कर दिए हैं. गर्मी की वजह से खेतों में पड़े प्याज सड़ने की कगार पर है. ऐसे में किसान जैसे तैसे ही अपना प्याज बेचने को मजबूर हैं.
जोधपुर जिले में 5 लाख मैट्रिक टन प्याज की फसल तैयार होती है. इसकी लागत कीमत करीब 600 करोड़ रूपए आती है और अभी बाजार में बेचने पर 200 करोड़ ही मिल पा रहे हैं. जिससे किसानों को बहुत बड़े नुकसान की आशंका सता रही है लॉकडाउन के चलते बरदान की कीमत भी तीन चार गुना बढ़ चुकी है जिससे किसानों पर दोहरी मार पड़ रही है. अमूमन एक बारदाने(बोरी) की कीमत 12 रुपए थी जो अब बढ़कर 40 रुपए के आसपास हो गई है.
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