नई दिल्ली: राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के करीबियों के यहां पड़े आयकर छापे में बड़े खुलासे हुए हैं. इस छापे के दौरान मुख्यमंत्री के 'शैडो' कहे जाने वाले शख्स के यहां से एक पर्सनल डायरी बरामद होने से सनसनी मची है. साथ ही बैंकों में नौकरों के नाम पर लॉकर पाए गए हैं. इन लोगों से अब तक 12 करोड़ से ज्यादा की नकदी बरामद हो चुकी है.
जबकि कई लॉकर अभी खोले जाने बाकी हैं. जांच का आलम यह है कि राजनेताओं की दबंगई को देखते हुए आयकर विभाग ने अपनी जांच जयपुर से मुंबई ट्रांसफर कर दी है. आयकर विभाग ने पिछले सप्ताह राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के करीबी लोगों धर्मेंद्र राठौर, राजीव अरोड़ा कोठारी और गहलोत के बेटे वैभव गहलोत के पार्टनर रतन कांत शर्मा के ठिकानों पर छापेमारी की थी. यह छापेमारी दिल्ली, मुंबई और जयपुर में हुई थी.
इन छापों के दौरान जो बरामदगी हुई है उनमें मिली एक पर्सनल डायरी ने इस पूरे मामले में सनसनी मचा दी है. आयकर सूत्रों के मुताबिक मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के 'शैडो' कहे जाने वाले इस शख्स के यहां से दो डायरिया बरामद हुई थीं. इनमें से एक डायरी में करोड़ों रुपए के लेन-देन का हिसाब था जबकि दूसरी डायरी में अनेक लोगों का काला चिट्ठा और उनके बारे में दी गई व्यक्तिगत राय मौजूद थी.
आयकर सूत्रों के मुताबिक इस डायरी में अनेक वीआईपी लोगों के बीच में हुई मुलाकात का ब्यौरा दर्ज है. साथ ही डायरी में कुछ जगहों पर इस मुलाकात के दौरान क्या हुआ इसका ब्यौरा भी दर्ज है. इस डायरी को लेकर आयकर अधिकारियों और अशोक गहलोत के खासमखास कहे जाने वाले शख्स के बीच छापे के दौरान हाथापाई की भी नौबत आ पहुंची थी.
लेकिन अंत में आयकर अधिकारियों ने इन तमाम दस्तावेजों को अपने कब्जे में ले लिया इनमें से दस्तावेज भी बरामद हुए हैं. जिनमें कच्चे काजू करोड़ों रुपए के लेन-देन का जिक्र है. इसके अलावा अनेक लॉकर भी मिले हैं इन लोगों से अब तक 12 करोड़ से ज्यादा की नकदी बरामद हो चुकी है. जबकि कुछ लॉकर अभी भी खोले जाने बाकी हैं.
आयकर सूत्रों के मुताबिक आरंभिक जांच के दौरान पाया गया कि यह लॉकर कंपनी के मुलाजिमों के नाम पर थे. जब इन नौकरों से पूछा गया तो प्रारंभिक पूछताछ में नौकरों ने स्वीकार किया कि यह लॉकर उनके मालिकों ने खुलवाए हैं और इसमें क्या रखा है यह वही जानते हैं. आयकर विभाग सूत्रों ने बताया कि जयपुर में एक घर में पड़ रहे छापे के दौरान वहां कुछ राजनीतिक लोग भी आ गए थे.
जांच कर रही आयकर टीम के साथ अभद्रता और देख लेने की धमकी भी दी गई थी. इसके चलते आयकर विभाग ने इस मामले की जांच जयपुर की जगह मुंबई डिवीजन से कराने का निर्णय लिया है. इस मामले में मुंबई में भी वैभव गहलोत के करीबी और पार्टनर रतन कांत शर्मा के ठिकानों पर छापेमारी हुई थी. आयकर सूत्रों के मुताबिक अब तक की छापेमारी के दौरान जो दस्तावेज बरामद हुए हैं उनमें करोड़ों रुपए की आयकर चोरी का पता चला है. साथ ही इस मामले की जांच की आंच मुख्यमंत्री गहलोत के बेटे से होती हुई मुख्यमंत्री तक भी पहुंच सकती है.
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