Rahul Gandhi London Remarks: कांग्रेस सांसद राहुल गांधी लंदन में दिए गए बयानों को लेकर अभी तक विवादों में हैं. बीजेपी ने स्पष्ट तौर पर कहा कि राहुल गांधी ने विदेशी धरती पर भारत का अपमान किया है. बीजेपी के विरोध के बीच, अब राहुल गांधी पायलट के वफादार और राजस्थान सरकार में मंत्री विश्वेंद्र सिंह के बेटे के निशाने पर आ गए हैं. विश्वेंद्र के बेटे अनिरुद्ध ने भी राहुल गांधी पर विदेशी धरती से देश का अपमान करने का आरोप लगाया है.


राजस्थान के पर्यटन मंत्री विश्वेंद्र सिंह के बेटे अनिरुद्ध ने बुधवार (8 मार्च) को ट्विटर पर राहुल गांधी पर निशाना साधा. लंदन में ब्रिटिश हाउस ऑफ कॉमन्स के ग्रैंड कमेटी रूम में आयोजित एक कार्यक्रम में राहुल के हवाले से एक समाचार रिपोर्ट को टैग करते हुए अनिरुद्ध ने ट्वीट किया, "हमारी संसद के माइक खामोश हैं." उन्होंने कहा, "वो दूसरे देश की संसद में अपने देश का अपमान करते हैं या शायद वो इटली को अपनी मातृभूमि मानते हैं."






'क्या वो भारत में ये सब बकवास नहीं बोल सकते?'


कांग्रेस के पूर्व प्रमुख राहुल गांधी ने लंदन में अपने एक कार्यक्रम में कहा था कि "बीजेपी हमेशा सत्ता में नहीं रहेगी." इस पर अनिरुद्ध ने ट्वीट किया, "क्या वो भारत में ये सब बकवास नहीं बोल सकते हैं? या वो यूरोपीय मिट्टी को ज्यादा तरजीह देते हैं?" विश्वेंद्र सिंह के बेटे के ट्वीट के बाद विवाद खड़ा हो गया है. कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने इसकी आलोचना की है. बता दें कि अनिरुद्ध सचिन पायलट को अपना आदर्श मानते हैं और उनके काफी वफादार हैं.


अनिरुद्ध ने पिता पर लगाए थे गंभीर आरोप 


मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो अनिरुद्ध की अपने पिता से बिल्कुल नहीं बनती है. मई 2021 में अनिरुद्ध ने अपने पिता पर अपनी मां के प्रति हिंसक होने का आरोप लगाया था. अनिरुद्ध ने ये भी कहा था कि उनके पिता को शराब की लत है. विश्वेंद्र सिंह पर आरोप लगाते हुए अनिरुद्ध ने कहा था, "मैं 6 सप्ताह से अपने पिता के संपर्क में नहीं हूं. वो मेरी मां के प्रति हिंसक हो गए हैं, शराब पीने लग गए हैं और मेरे दोस्तों के बिजनेस को भी खत्म कर दिया है. ये केवल राजनीतिक विचारधाराओं का अंतर नहीं है."


विश्वेंद्र सिंह अब गहलोत के करीबी


2020 में गहलोत सरकार के खिलाफ पायलट के साथ विद्रोह करने वाले कांग्रेस के सबसे प्रमुख विधायकों में से एक विश्वेंद्र थे. वो तब भी पर्यटन मंत्री थे. हालांकि, गहलोत के खिलाफ रैली आयोजित करने की वजह से उनका पद छीन लिया गया था. इसके बाद, गहलोत ने विश्वेंद्र को दोबारा से मंत्रालय में शामिल कर लिया. जिसके बाद वो पायलट की तुलना में सीएम के काफी करीब हो गए.


ये भी पढ़ें- Junaid-Nasir Murder: जुनैद और नासिर के परिवारों को AIMIM देगी डेढ़-डेढ़ लाख, गाड़ी में जलकर हुई थी दोनों की मौत