नई दिल्ली: राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने गुरुवार को कहा कि विभागों के बंटवारे को लेकर राज्य कांग्रेस के भीतर कोई मतभेद नहीं है. उन्होंने कहा कि नवगठित मंत्रिमंडल की पहली बैठक 28 दिसंबर को पार्टी के स्थापना दिवस पर जयपुर में होगी. उन्होंने विभागों के बंटवारे को सही ठहराते हुए कहा कि यह अच्छी तरह से सोच समझकर किया गया है और लोगों द्वारा इसका स्वागत किया गया है.


राजस्थान में अशोक गहलोत सरकार के नए मंत्रियों के कामकाज का बंटवारा हो गया है. मुख्यमंत्री गहलोत ने वित्त और गृह सहित नौ विभाग अपने पास रखे हैं. मुख्यमंत्री गहलोत की सलाह पर राज्यपाल कल्याण सिंह ने बुधवार देर रात मंत्रियों के बीच विभागों का बंटवारा कर दिया था.


गहलोत ने कहा, ''राजस्थान के नवगठित मंत्रिमंडल की पहली बैठक 28 दिसम्बर को, जोकि कांग्रेस का स्थापना दिवस भी है, होगी और नई सरकार इस दिन एक अच्छी शुरूआत करेगी.'' उन्होंने इन दावों को खारिज कर दिया कि विभागों के बंटवारे को लेकर राज्य कांग्रेस के भीतर मतभेद थे. उन्होंने कहा कि एकजुट कांग्रेस राज्य को सुशासन देने में मदद करेगी.


सीएम ने मंत्रिमंडल के गठन में कथित देरी को लेकर आलोचनाओं को दरकिनार करते हुए कहा, ''मंत्रिमंडल के गठन में दो-तीन दिन लगते हैं और राज्य में दो दिनों के भीतर विभागों को सौंप दिया गया.'' उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र में जब बीजेपी सत्ता में आई थी तो उसने मुख्यमंत्रियों की घोषणा करने में सात से नौ दिन का समय लिया था.


गहलोत ने कहा, ''हम सुशासन देंगे, कानून और व्यवस्था की स्थिति बेहतर करेंगे और युवाओं की आकांक्षाएं पूरी करने के लिए कदम उठायेंगे.'' उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी सरकार ने पिछली कांग्रेस सरकार के कई बड़े निर्णयों को अवरुद्ध कर दिया था. उनकी पार्टी उनका अनुकरण नहीं करेगी.


मुश्यमंत्री ने कहा, ''हम पिछली वसुंधरा राजे सरकार के अच्छे निर्णयों को अवरूद्ध नहीं करेंगे. वसुंधरा जी की सरकार के अच्छे काम को, हम लोगों के हित में अवरूद्ध नहीं करेंगे.'' राज्य की कांग्रेस सरकार ने कृषि ऋण को माफ करके एक बड़ा फैसला किया है और इस कदम का सभी लोगों ने स्वागत किया है.


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गहलोत ने आरोप लगाया कि राजे सरकार के कुशासन के कारण राज्य ने काफी कुछ भुगता है. उन्होंने दावा किया कि एक बड़ा जनादेश मिलने के बावजूद विकास का कोई भी कार्य नहीं किया गया. गहलोत ने कहा कि राज्य कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव के लिए तैयारियां पहले से ही शुरू कर दी है. उन्होंने यह भी उम्मीद जताई कि बीजेपी को हराने के लिए विपक्षी पार्टियों का एक महागठबंधन जल्द ही होगा और यह सफल होगा. उन्होंने कहा कि मोदी सरकार को 'जुमलों की सरकार' के रूप में याद किया जायेगा क्योंकि इस सरकार ने केवल वादे किये हैं और किसी भी वादे को पूरा नहीं किया है.


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