Rajasthan Congress Crisis: सीएम अशोक गहलोत और सचिन पायलट गुट में चल रहे टकराव के बीच अब पंजाब के पूर्व प्रभारी और पूर्व मंत्री हरीश चौधरी ने भी मुख्यमंत्री गहलोत के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. उन्होंने आरोप लगाया कि गहलोत के वादे के बावजूद कैबिनेट की बैठक में ओबीसी (OBC) आरक्षण से जुड़ी विसंगति पर फैसला नहीं किया. दो दिन पहले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अगुवाई में कैबिनेट की एक बैठक हुई.


पंजाब कांग्रेस के पूर्व प्रभारी और कांग्रेस के कद्दावर जाट नेता हरीश चौधरी ने आरोप लगाया कि इस मीटिंग में ओबीसी आरक्षण की विसंगति से जुडे़ एक मसले पर फैसला होना था, लेकिन इस बैठक में जानबूझकर मुद्दे को आगे बढ़ा दिया गया.


हरीश चौधरी क्या बोले?
हरीश चौधरी ने कहा कि कई बार गहलोत से मिलकर इस मुद्दे के समाधान की मांग कर चुका हूं और इस दौरान उन्होंने सहमति भी जताई. उन्होंने दावा किया कि मुख्यमंत्री गहलोत ने उनसे कहा था कि कैबिनेट बैठक में विवाद सुलझा देंगे, लेकिन राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के राजस्थान आने से पहले आखिर क्यों इसे लटकाया जा रहा है? चौधरी ने चेतावनी दी कि अगर हल नहीं हुआ तो वे अपनी सरकार के खिलाफ सड़क पर उतरेंगे.


सोशल मीडिया पर हो रही चर्चा
ओबीसी आरक्षण को लेकर मंत्रियों में भी आपस में इतना मनमुटाव था कि कैबिनेट बैठक की चर्चा सोशल मीडिया पर लीक होने लगी. सोशल मीडिया पर एक मंत्री प्रताप खाचरियावास पर आरोप लगा कि उनके कहने पर सीएम अशोक गहलोत ने इस मसले को आगे बढ़ा दिया है. वहीं इस पर खाचरियवास ने सफाई देते हुए कहा कि ओबीसी आरक्षण के खिलाफ नहीं है. उन्होंने बताया कि बैठक में भी इस मसले को लेकर मैंने सीएम को कोई राय नहीं दी थी.




मामला क्या है?
साल 2018 में ओबाीसी आरक्षण में नौकरियों में पूर्व सैनिकों को भी आरक्षण देने का एक आदेश जारी हुआ. अब राजस्थान में ओबीसी वर्ग पूर्व सैनिकों को ओबीसी में आरक्षण देने का आदेश रद्द करने की मांग कर रहा है. इसी मुद्दे पर पिछले कुछ समय से आंदोलन चल रहा है. हरीश चौधरी भी इस आंदोलन में सरकार के खिलाफ कूद गए हैं. वो एक बार धरने में भी शामिल हो चुके हैं.


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