Rajasthan: पायलट ने कहा-राम राम सा! तो विश्वेंद्र व मीणा ने पूछा क्या गलती की?
सचिन पायलट ने समर्थन में आए लोगों का किया धन्यवाद. ट्वीट कर अपने चिर परिचित अंदाज में लिखा, “राम राम सा!”. वहीं मंत्री पद से बर्खास्त हुए दो मंत्री विश्वेंद्र सिंह और रमेश मीणा ने वीडियो शेयर कर सुनाई व्यथा.
जयपुरः अशोक गहलोत सरकार को गिराने के षडयंत्र में शामिल होने के आरोप में मंत्री पद से बर्खास्त किए गए सचिन पायलट ने जहां देर शाम अपने ट्वीट में समर्थन में आए लोगों को ‘राम-राम सा’ लिखा तो विश्वेंद्र सिंह व रमेश मीणा ने पूछा कि उन्होंने क्या गलती की जो उन्हें हटाया गया?
विश्वेंद्र सिंह और रमेश मीणा को मंत्री पद से हटाया गया
उल्लेखनीय है कि कांग्रेस ने पायलट को उपमुख्यमंत्री पद से तो विश्वेंद्र सिंह को पयर्टन मंत्री, रमेश मीणा को खाद्य मंत्री पद से हटा दिया है. पार्टी ने इसकी घोषणा करते हुए कहा, “पायलट और कुछ मंत्री साथी दिग्भ्रमित होकर बीजेपी के षडयंत्र के जाल में उलझकर कांग्रेस की सरकार को गिराने की साजिश में शामिल हो गए.”
पायलट ने किए ट्वीट
इस पर पहली प्रतिक्रिया में पायलट ने पहले दोपहर बाद ट्वीट किया, “सत्य को परेशान किया जा सकता है पराजित नहीं.” इसके बाद शाम को उन्होंने एक और ट्वीट कर उनके समर्थन में आए लोगों का आभार जताया. अपने ट्वीट के अंत में उन्होंने अपने चिर परिचित अंदाज में लिखा, “राम राम सा!”
My heartfelt thanks and gratitude to all those who have come out in my support today. राम राम सा !
— Sachin Pilot (@SachinPilot) July 14, 2020
विश्वेंद्र सिंह ने किया सवाल
वहीं पायलट के समर्थन में मुखर रहे विश्वेंद्र सिंह ने ट्विटर पर एक वीडियो जारी किया. इसमें उन्होंने कहा, “मैं तो एक सवाल पूछना चाहता हूं कि हम लोगों ने कहां पार्टी विरोधी या पार्टी के खिलाफ या पार्टी के अहित में कोई बयान दिया.” सिंह ने वीडियो में आगे कहा, “हम तो केवल आलाकमान का ध्यान आकर्षित करना चाहते थे कि चुनावी घोषणापत्र में जो बाते हैं. बिजली हो, पानी हो या कर्ज माफी हो जिसके लिए जनता ने हमें चुनकर भेजा, उसको हम पौने दो साल में डिलीवर नहीं कर पाए.”
उप मुख्यमंत्री श्री सचिन पायलट जी, मुझे एवं मेरे साथी मंत्री श्री रमेश मीणा जी को मुख्यमंत्री जी ने मंत्रिमंडल से बर्खास्त किया है। जबकि हमने कांग्रेस के खिलाफ एक भी गलत स्टेटमेंट नहीं दिया है। क्या लोकतंत्र में अपनी मांग रखना या आलाकमान का ध्यानआकर्षण करना भी गुनाह है ? pic.twitter.com/ksqM9eotk2
— Vishvendra Singh Bharatpur (@vishvendrabtp) July 14, 2020
मेरी ईमानदारी का बूरा नतीजा मिलाः रमेश मीणा
सिंह के अनुसार, “मैं ये सवाल जनता के सामने रखना चाहता हूं कि हम तीन लोगों की या हमारे साथियों की क्या ऐसी गलती है जिससे कांग्रेस पार्टी ने हमें मंत्रिमंडल से बर्खास्त किया है.” पद से हटाए गए मीणा ने भी अपने बयान का वीडियो जारी किया. इसमें उन्होंने कहा, “मैंने ईमानदारी से काम किया. उसका नतीजा यह मिला कि मुझे पद से बर्खास्त किया गया.”
जनता से थे, जनता से हैं, और जनता से ही रहेंगे मेने अपने विभाग और जनता के प्रति मेरी ज़िम्मेदारी पूरी ईमानदारी के साथ निभाई, मेहनत से ही राजस्थान को देशभर में राशन वितरण में पहला स्थान मिला, पार्टी में रह कर जनता से जुड़े मुद्दे उठाये फिर भी अपनी जनता के लिए.... pic.twitter.com/CHOPp90GVg
— Ramesh Meena (@rameshmeena63) July 14, 2020
उन्होंने कहा, “मैंने ऐसी कौन सी अनियमितता की या पार्टी के खिलाफ गया... हमारी नाराजगी थी जिसे हमने पार्टी के मंच पर रखा. हमारी जनता से जुड़ी समस्याएं थीं जिसे उठाया.” मीणा,सिंह व एक अन्य विधायक दीपेंद्र सिंह शेखावत ने सुबह भी एक संयुक्त बयान जारी किया था.
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