जयपुर/ नई दिल्ली: राजस्थान के पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट की बगावत के कारण राज्य में सियासी संकट में फंसी कांग्रेस आज सभी राज्यों में राजभवन के बाहर प्रदर्शन करेंगी. आशोक गहलोत बनाम सचिन पायलट की सियासी लड़ाई का मामला अब सुप्रीम कोर्ट में है तो वहीं विधानसभा सत्र बुलाए जाने के मुद्दे को लेकर मुख्यमंत्री गहलोत और राज्यपाल कलराज मिश्र के बीच पेंच फंस गया है.


इस मामले को लेकर शुरू से बीजेपी पर हमलावर रही कांग्रेस ने एलान किया है कि सोमवार सुबह 11 बजे देश भर के राजभवनों यानी राज्यपालों, उप राज्यपालों के आवास के बाहर बीजेपी के खिलाफ "लोकतंत्र बचाओ- संविधान बचाओ" की मांग के साथ कांग्रेस कार्यकर्ता विरोध प्रदर्शन करेंगे. आज सुप्रीम कोर्ट में राजस्थान मामले को लेकर सुनवाई भी है.


लोकतांत्रिक ढांचे पर हमला कर रही है बीजेपी


देशव्यापी विरोध प्रदर्शन का एलान करते हुए कांग्रेस के संगठन महासचिव के.सी. वेणुगोपाल ने आरोप लगाया कि देश के संवैधानिक और लोकतांत्रिक ढांचे पर बीजेपी हमला कर रही है. धनबल, डर और संवैधानिक संस्थाओं का दुरुपयोग कर बीजेपी, लोकतांत्रिक तरीके से चुनी गई विरोधी दलों की सरकारों को अस्थिर कर रही है.


राजस्थान के राज्यपाल पर हमला बोलते हुए वेणुगोपाल ने कहा कि राज्य मंत्रिमंडल की सिफारिश के बावजूद राज्यपाल विधानसभा का सत्र नहीं बुला रहे ताकि विधायकों की खरीद-फरोख्त को बढ़ावा मिल सके. गन्दी राजनीति के लिए बीजेपी राज्यपाल जैसे संवैधानिक पद का दुरूपयोग कर रही है. कांग्रेस के संगठन महासचिव के.सी वेणुगोपाल ने कहा कि देश कोरोना महामारी, बाढ़ और गंभीर आर्थिक परेशानियों से गुजर रहा है लेकिन बीजेपी खरीद-फरोख्त कर सरकारों को गिराने में लगी है जिससे कोरोना से जारी लड़ाई प्रभावित हो रही है.


कोरोना महामारी के दौरान ही बीजेपी ने मध्यप्रदेश की कांग्रेस सरकार गिराई और अब ठीक वैसी ही कोशिश राजस्थान में की जा रही है. वेणुगोपाल के मुताबिक कोरोना महामारी के खिलाफ जारी लड़ाई बेहद असरदार तरीके से लड़ने के लिए दुनिया भर में राजस्थान सरकार की तारीफ हुई है लेकिन बीजेपी और उसके नेता ऐसी सरकार को गिराने का गंदा खेल खेल रहे हैं.


राजस्थान मामले पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई


वहीं, सुप्रीम कोर्ट राजस्थान मामले पर आज सुनवाई करेगा. सुनवाई सुबह 11 बजे शुरु होगी. कोर्ट को यह तय करना है कि राजस्थान हाई कोर्ट पायलट खेमे के विधायकों की याचिका पर सुनवाई कर सकता था या नहीं. स्पीकर ने अर्ज़ी दायर कर कहा है कि हाई कोर्ट ने विधायकों की अयोग्यता के मसले पर उनके फैसले से पहले सुनवाई कर के उनके अधिकार क्षेत्र का हनन किया है. उधर स्पीकर के सुप्रीम कोर्ट पहुंच जाने के बाद हाई कोर्ट ने भी फिलहाल अपना फैसला टाल दिया है. ऐसे में राजस्थान की राजनीतिक रस्साकशी में सुप्रीम कोर्ट की भूमिका अहम हो गई है.


राजस्थान विधानसभा का सत्र बुलाने पर घमासान जारी


राजस्थान में राजनीतिक संकट के बीच राजस्थान विधानसभा का सत्र बुलाने के लिए अशोक गहलोत मंत्रिमंडल ने रविवार को राज्यपाल कलराज मिश्र को संशोधित प्रस्ताव भेजा. वहीं राजभवन सूत्रों के मुताबिक अशोक गहलोत ने राज्यपाल कलराज मिश्रा को कैबिनेट से पास करवा कर जो एजेंडा विधानसभा सत्र बुलाने के लिए भेजा है उसमें बहुमत साबित करने का कोई ज़िक्र नहीं है, कोरोना पर चर्चा और कुछ बिल पास करवाने के अलावा, विधायी कार्यो के लिए सत्र बुलाने का निवेदन किया गया है.


कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अजय माकन ने रविवार को केन्द्र सरकार पर निशाना साधा और आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कोरोना वायरस, आर्थिक संकट, चीन से लड़ने की बजाय कांग्रेस की सरकारें गिराने के षड्यंत्र में लगे हैं. माकन ने कहा कि वास्तविकता यह है कि मोदी सरकार और बीजेपी ने देश के प्रजातंत्र और संविधान पर हमला बोल रखा है.


कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक सिंघवी ने कहा कि उनकी पार्टी राज्य विधानसभा में बहुमत साबित करना चाहती है लेकिन राज्यपाल कथित तौर पर केन्द्र सरकार के इशारे पर सदन का सत्र बुलाने और विश्वास मत में देरी कर रहे हैं. उन्होंने विधानसभा सत्र बुलाये जाने के संबंध में उच्चतम न्यायालय के फैसलों और कई उदाहरणों का हवाला देते हुए कहा कि राज्यपाल अपनी मर्जी से काम नहीं कर सकते हैं और केवल मंत्रिमंडल की सलाह से ऐसा कर सकते हैं.


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