Rajasthan Political Row: राजस्थान कांग्रेस में चल रही सियासी खींचतान पर कांग्रेस आलाकमान कड़े फैसले ले सकता है. इसी सिलसिले में राजस्थान कांग्रेस प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा गुरुवार (13 अप्रैल) को दिल्ली पहुंचे हुए हैं. यहां पर वह राजस्थान में संगठन और सरकार के दो नेताओं के बीच चल रहे गतिरोध की आधिकारिक जानकारी पार्टी आलाकमान को सौंपेंगे. 


इसी सिलसिले में रंधावा ने कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल से मुलाकात करने पहुंचे हैं, इसके बाद वह कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे से मुलाकात करेंगे और मामले की जानकारी उनके साथ साझा करेंगे. कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक रंधावा सचिन पायलट से नाखुश हैं, क्योंकि उन्होंने पायलट को राज्य में मंगलवार को अपनी ही पार्टी की सरकार के खिलाफ उपवास पर बैठने से मना किया था. 


बावजूद इसके सचिन पायलट ने उनकी बात नहीं सुनी और वह अपने तय कार्यक्रम में उपवास पर बैठे रहे, ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि रंधावा अपनी मुलाकात में कांग्रेस अध्यक्ष से पायलट के खिलाफ अनुशासनात्मक फैसला लिए जाने की मांग कर सकते हैं. यहां यह देखना भी दिलचस्प है कि मंगलवार को अपने उपवास के बाद सचिन भी दिल्ली में ही हैं. 


राजस्थान कांग्रेस में क्या विवाद चल रहा है?
राजस्थान कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और गहलोत सरकार में पूर्व डिप्टी सीएम रहे सचिन पायलट और राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत में 2018 से ही खींचतान जारी है. इसी सिलसिले में सचिन पायलट ने जयपुर में शहीद स्मारक में सुबह 11 बजे से लेकर शाम 4 बजे तक पांच घंटे का मौन अनशन किया.


इसके बाद पायलट ने मीडिया से बात करते हुए कहा, उनका भ्रष्टाचार के खिलाफ संघर्ष जारी रहेगा. उन्‍होंने उम्‍मीद जताई कि उनकी सरकार बीजेपी के कार्यकाल में हुए कथित भ्रष्टाचार के मामलों में कार्रवाई करेगी. इस अनशन के साथ ही पायलट ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खिलाफ नए सिरे से मोर्चा खोल दिया है.


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