Rajasthan Politics: कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए चुनाव में सोमवार को वोटिंग के बाद राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) और उनके चिर प्रतिद्वंद्वी सचिन पायलट (sachin Pilot) पर ध्यान केंद्रित होने की संभावना है. पार्टी के अध्यक्ष पद के चुनाव में मल्लिकार्जुन खड़गे और शशि थरूर उम्मीदवार हैं.
पिछले महीने के अंत तक राजस्थान में कांग्रेस के 82 विधायकों के पार्टी के विधायक दल की आधिकारिक बैठक में शामिल नहीं होने के बाद यह विषय खुल कर सामने आ गया था. वे गहलोत के विश्वस्त शांति धारीवाल के जयपुर स्थित आवास में एक समानांतर बैठक में शामिल हुए थे. गहलोत तब पार्टी अध्यक्ष का चुनाव लड़ने वाले थे.
गांधी परिवार के विश्वस्त हैं अशोक गहलोत
बैठक का आयोजन एक प्रस्ताव पारित करने के लिए किया गया था ताकि कांग्रेस प्रमुख को गहलोत का उत्तराधिकारी नियुक्त करने के लिए अधिकृत किया जा सके. गहलोत को लंबे समय से गांधी परिवार का विश्वस्त माना जाता है. बताया जाता है कि पिछले महीने हुए घटनाक्रम से गांधी परिवार के प्रति उनकी निष्ठा पर कुछ सवाल खड़े हुए हैं.
गहलोत के नेतृत्व के खिलाफ 2020 में बगावत कर चुके पायलट को बदलाव लाये जाने के रूप में देखा जा रहा है. ठीक वैसे ही, जैसा कि थरूर के बारे में कहा जा रहा है कि उन्होंने कांग्रेस के शीर्ष पद के चुनाव में उम्मीदवार बन कर साहस का परिचय दिया है, लेकिन वह वफादार होने का दर्जा हासिल करने में कहीं पीछे छूट जाते हैं.
गहलोत की बगावत से पार्टी में क्या संदेश गया?
कांग्रेस के कुछ नेताओं और पर्यवेक्षकों ने इस बात का जिक्र किया है कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि एक ओर जहां पार्टी खुद में परिवर्तन कर नयापन लाने की कोशिश कर रही है, वहीं दूसरी ओर कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव प्रचार अभियानों में और राजस्थान की बागडोर संभालने के लिए खुद को सर्वाधिक सक्षम दर्शाने की दौड़ काफी हद तक इस विमर्श से उपजी है कि गांधी परिवार का करीबी कौन है.
पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि गांधी परिवार अब गहलोत को मुख्यमंत्री पद पर बनाये रखने को ज्यादा इच्छुक नहीं है लेकिन वह पायलट से भी पूरी तरह सहमत नहीं है. इस बात की भी संभावना है कि पार्टी राजस्थान में मुख्यमंत्री पद के लिए गहलोत या पायलट दोनों में से किसी के भी नाम पर विचार नहीं करे. राज्य में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं और बीजेपी वहां सत्ता में लौटने की कोशिश कर रही है.
गहलोत और पायलट के नाम पर क्या है उलझन?
कांग्रेस सूत्रों ने यह भी कहा कि भारत जोड़ो यात्रा में राहुल गांधी के साथ गहलोत कई बार शामिल हुए हैं और मुख्यमंत्री के गांधी परिवार के साथ अच्छे संबंध कायम हैं. गहलोत शनिवार को कर्नाटक के बेल्लारी में कांग्रेस की रैली में भी उपस्थित थे.
हालांकि, इसके उलट एक विचार यह भी है कि प्रियंका गांधी वाड्रा और राहुल, पायलट के साथ काफी सहज हैं, जबकि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी सहित पार्टी के वरिष्ठ नेता और खड़गे के गहलोत के साथ अच्छे समीकरण हैं. गहलोत 17-18 अक्टूबर को गुजरात का दौरा करने वाले हैं. वह राज्य में विधानसभा चुनावों के लिए पार्टी के वरिष्ठ पर्यवेक्षक नियुक्त किये गये हैं.
राजस्थान में क्या चल रहा है?
वहीं राजस्थान में पर्दे के पीछे गतिविधियां जारी हैं. गहलोत के तीन विश्वस्त मंत्रियों धारीवाल, महेश जोशी और पार्टी के नेता धर्मेंद्र राठौड़ ने अपने कारण बताओ नोटिस का जवाब दे दिया है. यह नोटिस कांग्रेस की अनुशासनात्मक समिति ने विधायकों के एक बड़े समूह के बगावत करने को लेकर जारी किये थे. विषय में आगे के कदम पर चर्चा के लिए समिति के जल्द ही बैठक करने की संभावना है.