राजस्थान में 2018 का चुनाव किसकी वजह से जीती कांग्रेस? गहलोत-पायलट में क्रेडिट की होड़, जानें किसने क्या कहा
Ashok Gehlot ने दावा किया कि बीजेपी के पास उनकी सरकार के खिलाफ बोलने के लिए कोई मुद्दा नहीं है और लोगों में सत्ता विरोधी भावना नहीं है. जनता सरकार की योजनाओं और कार्यक्रमों से खुश है.
Ashok Gehlot And Sachin Pilot: राजस्थान कांग्रेस में सबकुछ ठीक नहीं है. एक बार फिर राज्य के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट दोनों के खिलाफ बयानबाजी करते नजर आ रहे हैं. दोनों के बीच अनबन साफ नजर आ रही है. इस सबके बीच अब अशोक गहलोत ने 2018 के चुनाव में जीत का श्रेय भी खुद को दे दिया है. उन्होंने सचिन पायलट को जवाब देते हुए कहा कि कांग्रेस की 2018 में सत्ता में वापसी उनके पिछले कार्यकाल में किए गए काम के कारण हुई. साथ ही उन्होंने इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव में 156 सीटें जीतने का लक्ष्य भी रखा.
लंबे समय से गहलोत के साथ सत्ता की खींचतान में फंसे सचिन पायलट ने हाल ही में कहा था कि 2013 से 2018 तक जब वह प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष थे उस दौरान पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं के संघर्ष के कारण कांग्रेस की सत्ता में वापसी हुई. पायलट ने बार-बार कहा है कि कांग्रेस विधायकों की संख्या जो 2013 में घटकर 21 रह गई थी, वो उन्हें प्रदेश कांग्रेस कमेटी का प्रमुख बनाए जाने के बाद ही बढ़ी.
अशोक गहलोत ने पायलट का नाम लिए बिना कहा कि 2013 की हार काफी हद तक 'मोदी लहर' के कारण हुई थी, लेकिन राज्य में बीजेपी सरकार के छह महीने के कार्यकाल में लोगों को अपनी गलती का एहसास हो गया था.
कांग्रेस की सत्ता में वापसी कैसे हुई?
गणतंत्र दिवस कार्यक्रम के बाद सवाई मानसिंह स्टेडियम पर संवाददाताओं से बातचीत में मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा, "वो जो माहौल बनता है, वो भी एक बड़ा कारण होता है सरकार वापस आने का. बाकी कारण तो होते ही हैं हमारे कार्यकर्ता, हमारी पार्टी संघर्ष करती है, सड़कों पर उतरती है. हालांकि, (जनता के) दिमाग में था कि पिछली बार हमने 2013 में सरकार बदलकर गलती कर दी और इसीलिए इस बार पहले ही हवा बन गई थी कि सरकार आनी चाहिए और अशोक गहलोत को मुख्यमंत्री बनना चाहिए."
'बीजेपी के पास कोई मुद्दा नहीं है'
गहलोत ने दावा किया कि बीजेपी के पास उनकी सरकार के खिलाफ बोलने के लिए कोई मुद्दा नहीं है और लोगों में कोई सत्ता विरोधी भावना नहीं है और जनता सरकार की योजनाओं और कार्यक्रमों से खुश हैं. उन्होंने कहा कि देश भर में चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा जैसी राज्य योजनाओं के बारे में बात की जा रही है और कर्मचारी पुरानी पेंशन योजना को फिर से शुरू करने से खुश हैं.
'हम लोग मिशन 156 लेकर चल रहे हैं'
अशोक गहलोत ने कहा, "हमारा रास्ता बिलकुल साफ है. जब हमने 1998 में सरकार बनाई थी, तब 156 सीटें आई थीं, उस समय मैं प्रदेश कांग्रेस का अध्यक्ष था, तो मैं चाहूंगा कि हम लोग मिशन 156 लेकर चलें. इसके लिए हमने काम शुरू कर दिया है." गहलोत ने आगे कहा कि उनके विधायकों ने उनका समर्थन किया और 2020 में राजनीतिक संकट के दौरान अंदरूनी कलह से निपटने में उनकी मदद की, जिससे उनकी सरकार बच गई. मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने अपनी सरकार को बचाने और लोगों की सेवा करने के लिए कड़ा संघर्ष किया और अपनी आखिरी सांस तक ऐसा करते रहेंगे.
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