Rajasthan Politics: राजस्थान में रविवार को कांग्रेस नेताओं और विधायकों की ड्रामेबाजी सरेआम देखने को मिली. शाम सात बजे कांग्रेस के विधायक दल की बैठक बुलाई गई थी, जिसमें ये तय माना जा रहा था कि सीएम अशोक गहलोत अपने पद से इस्तीफा देंगे और बैठक में सर्वसम्मति से नए सीएम के नाम का ऐलान किया जाएगा. इससे पहले अशोक गहलोत जैसलमेर में तनोट माता के मंदिर गए और वहां पूजा-अर्चना कर देश में शांति और सद्भाव की कामना की. उन्होंने बड़ा खुलासा करते हुए कहा कि मैंने तो अगस्त में ही सोनिया गांधी को अपने पद से इस्तीफा देने की बात कही थी.


बैठक से पहले विधायकों ने कर दिया खेला


गहलोत के इस्तीफा देने के बाद सचिन पायलट के सीएम पद की दावेदारी की बात कही जा रही थी और संभावना ये भी जताई जा रही थी कि उनके नाम का ऐलान होना है. लेकिन सूत्रों के मुताबिक विधायक दल की बैठक से पहले ही विधायकों ने सारा खेल बिगाड़ दिया और सचिन का पायलट प्रोजेक्ट धराशायी हो गया. दो गुटों में बंटे विधायक अपने-अपने नेता के समर्थन में खड़े हैं. एक तरफ जहां गहलोत गुट के विधायकों का कहना है कि उन्होंने इस्तीफा देने का विचार किया तो हमसे राय क्यों नहीं ली. वे सचिन पायलट को सीएम बनाने के लिए राजी नहीं हैं.


इस्तीफा देने पर उतारू गहलोत गुट


विधायक दल की बैठक से पहले गहलोत गुट के नाराज विधायकों ने जयपुर में कांग्रेस विधायक शांति धारीवाल के आवास पर बैठक की. उसके बाद वहां बस से रवाना हुए. इस बैठक में विधायकों ने अपना-अपना इस्तीफा लिया और बस से स्पीकर सीपी जोशी के आवास पहुंचे. इस तरह उन्होंने अपनी मंशा बता दी कि वे विधायक दल की बैठक में शामिल होने नहीं जा रहे हैं. कांग्रेस विधायकों ने कहा कि हमारे परिवार के मुखिया (अशोक गहलोत) हमारी बात सुनेंगे तो हमारी नाराजगी दूर हो जाएगी. 


पहले अध्यक्ष बनें गहलोत, फिर बदला जाए सीएम


विधायकों में से प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा, ‘राजस्थान के विधायक जिसके साथ होंगे, नेता वही होगा. राजस्थान100 से अधिक विधायक एक तरफ हैं और 10-15 विधायक दूसरी तरफ. 10-15 विधायकों की बात सुनी जाएगी और बाकी की नहीं. पार्टी हमारी नहीं सुनती, अपने आप फैसले हो जाते हैं.‘ खाचरियावास ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के पार्टी अध्यक्ष बनने के बाद CM बदलने की बात होगी. 102 विधायकों में से कोई भी मुख्यमंत्री बन सकता है. कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, राहुल गांधी और अशोक गहलोत इसका फैसला करेंगे.


पायलट प्रोजेक्ट हुआ फेल, विधायकों ने कर दिया खेल


सूत्रों ने दावा किया कि इस्तीफा देने वाले विधायकों में निर्दलीय समेत करीब 80 विधायक शामिल हैं. इनमें से कुछ विधायकों ने परोक्ष रूप से पायलट का हवाला देते हुए कहा कि गहलोत का उत्तराधिकारी कोई ऐसा होना चाहिए, जिन्होंने 2020 में राजनीतिक संकट के दौरान सरकार को बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, न कि कोई ऐसा जो इसे गिराने के प्रयास में शामिल था. इस स्थिति से मुख्यमंत्री और सचिन पायलट के बीच सत्ता को लेकर संघर्ष गहराने के संकेत मिल रहे हैं. 


गहलोत ने कहा-मैं कहीं भी रहूं, कोई फर्क नहीं पड़ता


इससे पहले आज गहलोत ने कहा कि मुझे कांग्रेस ने बहुत कुछ दिया है, अब नई पीढ़ी को भी मौका मिलना चाहिए. मेरे लिए कोई पद मायने नहीं रखता है. मेरी इच्छा है कि मैं राजस्थान में रहूं. गहलोत ने कहा कि मैं कहां जा रहा हूं इससे कोई फर्क नहीं पड़ता, मैं किस पद पर रहूंगा, ये तो समय बताएगा. मैं चाहता हूं कि राजस्थान में भी अच्छा माहौल बना रहे. मेरी ड्यूटी बनती है कि मैं राजस्थान के लोगों के हर सुख-दुख में साथ रहूं.


बीजेपी ने कसा तंज


इस पूरे घटनाक्रम पर बीजेपी की भी नजर है. बीजेपी नेता ने तंज भी कसा और कहा कि कांग्रेस में जारी अंतर्द्वंद्व का संघर्ष अंतहीन है. जुलाई 2020 के बाद अब एक बार फिर कौरवों की A और B टीम आमने-सामने है और जादूगर की जादूगरी में सिर-फुटौवल चरम पर है. वहीं राजस्थान की जनता को फिर से भगवान भरोसे छोड़ दिया है.


ये भी पढ़ें- 


Rajasthan Congress Crisis: बाड़ेबंदी की सरकार...बाड़े में जाने को तैयार! सियासी संकट पर गजेंद्र शेखावत का तंज


Rajasthan Politics: राजस्थान कांग्रेस में बगावत पर अशोक गहलोत का पहला रिएक्शन, बोले- ये विधायकों का मूव