'पार्टी नहीं चाहती पायलट छोड़ें पार्टी', गहलोत संग विवाद सुलझाने पहुंचे केसी वेणुगोपाल, देर रात हुई मीटिंग
राजस्थान की सियासी कलह थम नहीं रही है, लेकिन कांग्रेस आलाकमान सचिन पायलट और अशोक गहलोत दोनों ही नेताओं को एक करने की मंशा से जुटा हुआ है ताकि आगामी विधानसभा चुनाव में फिर से जीत हासिल की जा सके.
Rajasthan Politics: कांग्रेस संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने गुरुवार (22 जून) की देर रात जयपुर में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से लंबी मुलाकात की. इस मुलाकात में अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच हुए विवाद सुलझाने को लेकर बात हुई. अभी तक कांग्रेस सूत्रों का कहना है की पार्टी नेतृत्व नहीं चाहता की सचिन पायलट पार्टी का साथ छोड़ें या ऐसी कोई नौबत आए. इसी वजह से दोनों नेताओं के बीच विवाद को सुलझाने के लिए और राज्य में सचिन पायलट को सम्मानजनक स्थान देने की कोशिशें जारी हैं.
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो बीते दिनों पहले केसी वेणुगोपाल ने दिल्ली में सचिन पायलट से लंबी बातचीत की और उसके बाद केसी वेणुगोपाल सीएम अशोक गहलोत से मिलने जयपुर पहुंचे. हालांकि आधिकारिक रूप से यह कहा गया कि वेणुगोपाल जयपुर में एक शादी में शरीक होने आए थे, लेकिन यहां पर दोनों के बीच एक घंटे से ज्यादा बातचीत हुई.
दोनों नेताओं के बीच हुई मुलाकात के अपने अलग-अलग मायने निकाले जा रहे हैं. गुरुवार को वेणु गोपाल पीडबल्यूडी मंत्री भजन लाल जाटव की बेटी की शादी के कार्यक्रम में शामिल होने के लिए पहुंचे थे. यहां पर कांग्रेस नेताओं से बात करते हुए उन्होंने कहा, सब ठीक है और दोनों नेता साथ में चुनाव लड़ेंगे.
क्या खरगे के कहने पर गहलोत से मिले केसी वेणुगोपाल?
कांग्रेस के विश्वस्त सूत्रों का कहना है कि राजस्थान में विधानसभा चुनाव होने से ठीक पहले आलाकमान अपने दो सबसे मजबूत सिपहसलारों को एकजुट करने के लिए जी-तोड़ कोशिशों में लगा हुआ है. ऐसे में सूत्रों का कहना है, महत्वाकांक्षा और सरकार में अवसर नहीं दिए जाने को लेकर सचिन पायलट सियासी वनवास भोग रहे हैं. ऐसे में चुनावों से ठीक पहले आलाकमान उनको संतुष्ट करने के लिए कोई महत्वपूर्ण पद देना चाहता है. लेकिन वह गहलोत की भी असुरक्षा को नजरअंदाज नहीं कर रहा है, क्योंकि 2020 में सचिन कथित तौर पर पार्टी से बगावत कर चुके हैं.