Gehlot vs Pilot: अभी पायलट गुट पर कोई कार्रवाई नहीं, राजस्थान हाईकोर्ट ने यथास्थिति बरकरार रखने का दिया आदेश
हाई कोर्ट ने मौजूदा स्थिति को बनाए रखने का निर्देश दिया है.एक तरह से इसे पायलट गुट को फौरी राहत के तौर पर देखा जा रहा है. यानी स्पीकर पायलट खेमे पर फिलहाल कोई भी कार्यवाही नहीं कर सकेंगे. अब सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी.
जयपुरः राजस्थान में मचे सियासी घमासान पर हाई कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया है. राजस्थान हाई कोर्ट ने मौजूदा स्थिति को बरकरार रखा है, हाई कोर्ट ने पायलट गुट की याचिका पर सुनवाई की थी. आज सुबह 10.30 कोर्ट को इस पर फैसला सुनाना था. कोर्ट ने स्पीकर के नोटिस पर यथास्थिति रखने का आदेश दिया है. यानी स्पीकर पायलट गुटे विधायकों पर कार्रवाई नहीं कर पाएंगे. इसके साथ ही कोर्ट ने कहा कि स्पीकर की अयोग्यता का मामला हमारे अधिकार क्षेत्र में नहीं है.
कोर्ट का आदेश सचिन पायलट ग्रुप के लिए राहत के तौर पर आया है. हाई कोर्ट ने आगे की सुनवाई के लिए कोई तारीख नहीं दी है. वहीं दूसरी ओर इस मामले की सुनवाई सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी. सुप्रीम कोर्ट से अब तय होगा कि स्पीकर पायलट गुट के विधायकों पर कार्रवाई कर सकते हैं या नहीं.
बता दें कि अगर इस बीच विधानसभा का सत्र होता है और कांग्रेस व्हिप जारी करती है. पायलट गुट अगर इस व्हिप का उल्लंघन करता है तो स्पीकर उनके खिलाफ कार्रवाई कर सकते हैं. यह पहले के नोटिस से बिल्कुल अलग मामला होगा.
राजस्थान में सत्तारूढ़ कांग्रेस सरकार में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और तत्कालीन उप-मुख्यमंत्री सचिन पायलट गुट के बीच शुरू हुई लड़ाई हाई कोर्ट में पहुंच गई थी. सचिन पायलट समेत 19 विधायकों ने विधानसभा अध्यक्ष की ओर से मिले अयोग्य घोषित किए जाने के नोटिस के खिलाफ हाई कोर्ट में अपील की थी.
पायलट गुट की अपील पर 21 जुलाई को हुई थी सुनवाई
18 जुलाई को इस अपील पर सुनवाई के बाद जोधपुर हाई कोर्ट की जयपुर बेंच ने इस 21 जुलाई के लिए टाल दिया था. इसके साथ ही पायलट गुट को मिले नोटिस के अमल में आने पर भी रोक लगा दी गई थी.
21 जुलाई को पायलट पक्ष और राजस्थान सरकार का पक्ष जानने के बाद कोर्ट के चीफ जस्टिस इंद्रजीत मोहंती और जज प्रकाश गुप्ता की डिवीजन बेंच ने 24 जुलाई को फैसले की तारीख तय की थी.
फैसले पर नहीं होगा अमल
हालांकि, हाई कोर्ट जो भी फैसला देगा, उस पर फिलहाल अमल नहीं होगा, क्योंकि इसी मामले से जुड़ी एक याचिका सुप्रीम कोर्ट में भी दाखिल की गई थी. विधानसभा के स्पीकर की ओर से दाखिल स्पेशल लीव पिटीशन (SLP) में हाई कोर्ट की कार्यवाही पर रोक लगाने की मांग की थी.
सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट की कार्यवाही में रोक लगाने से तो इंकार कर दिया था, लेकिन शीर्ष अदालत ने हाई कोर्ट के फैसले पर अमल करने पर फिलहाल रोक लगाई है.
क्या है मामला?
राजस्थान सरकार में उप-मुख्यमंत्री रहे सचिन पायलट और उनके समर्थक 18 कांग्रेस विधायकों ने सरकार के खिलाफ बगावत कर दी थी. इसके बाद कांग्रेस पार्टी की ओर से लगातार दो दिन विधायक दल की बैठक बुलाई गई थी, जिसके लिए सभी विधायकों को व्हिप जारी किया गया था. हालांकि पायलट गुट दोनों बैठकों में नहीं पहुंचा.
इसके बाद, एक तरफ तो कांग्रेस ने पायलट को उप-मुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के पद से हटा दिया था, जबकि सरकार में 2 मंत्रियों को भी हटा दिया था. दूसरी तरफ, व्हिप के उल्लंघन के आरोप में विधानसभा स्पीकर की ओर से सभी 19 विधायकों को अयोग्य घोषित किए जाने के संबंध में नोटिस भेजा गया था, जिस पर उन्हें 18 जुलाई तक जवाब देना था.
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