Bharat Jodo Yatra: राजस्थान कांग्रेस में मचे घमासान पर राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने जल्द ही अच्छी खबर मिलने की बात कही है. कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के नेतृत्व में पार्टी की भारत जोड़ो यात्रा जारी है. ये यात्रा फिलहाल राजस्थान से गुजर रही है. राहुल गांधी ने सोमवार (19 दिसंबर) को राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) और पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट (Sachin Pilot) से मुलाकात की थी. 


राजस्थान के अलवर में दोनों नेताओं के साथ बैठक करने के बाद न्यूज एजेंसी एएनआई से राहुल गांधी ने कहा, "अच्छी खबर जल्द ही आएगी." पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष इस सवाल का जवाब दे रहे थे कि क्या गहलोत और पायलट के बीच कोई समझौता हुआ है. इस बैठक को सुलह बैठक के तौर पर देखा जा रहा है क्योंकि अगले साल राज्य में होने वाले चुनावों से पहले कांग्रेस राज्य के दोनों शीर्ष नेताओं के झगड़े को खत्म करना चाहती है. 


यात्रा पर दिखा गहलोत-पायलट अनबन का असर


करीब 30 मिनट तक चली इस बैठक में कांग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल भी मौजूद थे. राहुल गांधी बाद में शहर में भारत जोड़ो कैंप के लिए रवाना हुए. राजस्थान में राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा पर अशोक गहलोत और सचिन पायलट की अनबन का असर पड़ा है. राजस्थान के अपने दौरे के दौरान उन्हें दोनों के झगड़े पर सवालों का सामना करना पड़ा है. 


अशोक गहलोत ने कहा था गद्दार


भारत जोड़ो यात्रा के राजस्थान पहुंचने से कुछ दिन पहले ही अशोक गहलोत ने पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट को गद्दार कहा था. उन्होंने कहा था कि एक गद्दार मुख्यमंत्री नहीं हो सकता. कांग्रेस हाईकमान सचिन पायलट को मुख्यमंत्री नहीं बना सकता. जिसने विद्रोह किया और पार्टी को धोखा दिया, वह गद्दार है.


पायलट ने किया था पलटवार


इस पर सचिन पायलट ने भी पलटवार करते हुए कहा था कि एक वरिष्ठ नेता के लिए ऐसे शब्दों का उपयोग करना अशोभनीय है. अशोक गहलोत को ऐसे बचकाने बयानों से बचना चाहिए. कांग्रेस ने बाद में डैमेज कंट्रोल में दोनों नेताओं की एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की थी और कहा था कि पार्टी को दोनों नेताओं की जरूरत है. 


बीजेपी समेत कई दलों ने कांग्रेस और राहुल गांधी पर हमला करते हुए कहा था कि उन्हें भारत जोड़ो यात्रा के बजाय "कांग्रेस जोड़ो यात्रा" का प्रयास करना चाहिए. गहलोत-पायलट गतिरोध 2018 में कांग्रेस की राजस्थान में जीत के बाद सीएम पद को लेकर शुरू हुआ था. इसके बाद 2020 में सचिन पायलट ने कई विधायकों के साथ विद्रोह किया और हफ्तों तक दिल्ली में डेरा डाला था. हालांकि बाद में सचिन पायलट (Sachin Pilot) और पार्टी में सुलह हो गई थी, लेकिन दोनों नेताओं के बीच अनबन जारी रही. 


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