Sachin Pilot On Ashok Gehlot: राजस्थान में कांग्रेस नेता सचिन पायलट और सीएम अशोक गहलोत के ज़ुबानी जंग जारी है. इस बीच सचिन पायलट शुक्रवार को जयपुर लिटरेचर फ़ेस्टिवल पहुंचे. इस दौरान उनसे सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा- एक दूसरे के विचारों को समझने की जरूरत है लेकिन शालीनता से सुनें.


सचिन पायलट ने कहा, जो इशू हैं, बड़े प्रासंगित हैं. कई बार विवादित होते हैं. लेकिन मुझे लगता है कि ज़रूरत संवाद को समझने की है. किसी की असहमति भी है तो हम विरोध भी कर सकते हैं. एक दूसरे के विचारो को समझने की ज़रूरत है लेकिन शालीनता से सुनें. मतभेद हो तो एक दूसरे को सुनें.. खुले मन से खुले मंच से.


गहलोत ने पायलट को कहा कोरोना
पायलट का बयान ऐसे समय में आया है जब दोनों नेताओं में जुबानी जंग तेज है और एक दूसरे पर तंज कस रहे हैं. गहलोत ने पायलट का नाम लिए उन्हें कोरोना कहते हुए निशाना साधा था. वहीं, पायलट ने पेपल लीक मामले में जादूगर वाले बयान से गहलोत पर तंज कसा था.


पहले बात गहलोत की करते हैं. बुधवार को कर्मचारी प्रतिनिधियों की बैठक में शामिल हुए थे जिसका वीडियो सामने आया था. गहलोत ने बैठक के दौरान एक प्रतिभागी को जवाब देते हुए बिना किसी का नाम लिए कहा, ‘‘मैंने मिलना शुरू किया है. पहले कोरोना आया...हमारी पार्टी में भी एक बड़ा कोरोना घुस गया. उपचुनाव या राज्यसभा चुनाव के बावजूद सरकार कर्मचारियों के सहयोग से बेहतरीन योजनाएं लाई है."


पायलट ने क्या कहा था?
गहलोत की टिप्पणी को पायलट के उस हमले का जवाब समझा गया था जिसमें उन्होंने पेपरलीक पर निशाना साधा था. पायलट ने अपनी ही पार्टी की सरकार से सवाल किया कि बिना किसी की लिप्तता के प्रश्न पत्र तिजोरी से बाहर कैसे पहुंचा? पायलट ने कहा कि प्रदेश में पेपर लीक हो रहे हैं और कहा जा रहा है कि कोई अधिकारी या कोई नेता इसमें लिप्त नहीं था. उन्होंने कहा कि एग्जाम की कॉपी तिजोरी में बंद होती है, वो कॉपी तिजोरी में बंद होकर बाहर बच्चों तक पहुंच गई. यह तो जादूगरी हो गई. ऐसा संभव नहीं है, कोई न कोई तो जिम्मेदार होगा.


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