Sachin Pilot vs Ashok Gehlot: कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने राजस्थान विधानसभा चुनाव से पहले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और कांग्रेस आलाकमान पर दबाव बढ़ाते हुए गुरुवार (1 मई) को अपनी 'जन संघर्ष पदयात्रा' शुरू की. उनके इस मार्च के बाद कांग्रेस (Congress) में खलबली मच गई है. प्रदेश कांग्रेस ने इसे पायलट की निजी पदयात्रा करार दिया और कहा कि पार्टी संगठन से इसका कोई लेना देना नहीं है. सीएम गहलोत ने भी बिना नाम लिए पायलट पर निशाना साधा है. जानिए इस घटनाक्रम से जुड़ी बड़ी बातें.
1. यात्रा शुरू करते हुए सचिन पायलट ने कहा कि उनकी ये पांच दिन की यात्रा भ्रष्टाचार के विरोध में है. अपनी आवाज उठाने, आपकी आवाज सुनने और जनता की आवाज बनने के लिए ये यात्रा निकाली जा रही है. एक महीने पहले ही पूर्व उपमुख्यमंत्री पायलट ने बीजेपी सरकार के कार्यकाल के दौरान हुए कथित भ्रष्टाचार पर कार्रवाई ने करने को लेकर गहलोत सरकार के खिलाफ एक दिन का धरना दिया था. तब भी पार्टी की ओर से पायलट को वार्निंग दी गई थी, लेकिन उन्होंने इसे दरकिनार करते हुए गहलोत सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था.
2. कांग्रेस छोड़ने की अटकलों पर सचिन पायलट ने कहा कि अटकलें लगाने की कोई आवश्यकता नहीं है. जो कुछ भी हो रहा है, वह सब आपके सामने है. मैं जो कुछ भी कहता या करता हूं, वह खुले तौर पर करता हूं. मैं लुका-छिपी नहीं खेलता. मेरी मांग वैचारिक है, व्यक्तिगत नहीं. कोई भी मुझ पर एक पद के लिए महत्वाकांक्षी होने का आरोप नहीं लगा सकता है. हर कोई मेरी राजनीति के बारे में जानता है. उन्होंने कहा कि यात्रा किसी व्यक्ति विशेष के विरोध में नहीं बल्कि भ्रष्टाचार के खिलाफ है. कांग्रेस ने कर्नाटक विधानसभा चुनाव में भ्रष्टाचार का मुद्दा उठाया इसलिए उसे वहां बहुमत मिलने वाली है.
3. उन्होंने कहा कि हमने जब भ्रष्टाचार के मुद्दों को उठाया और मैं चाहता था कि एक पारदर्शी तरीके से जांच हो और दूध का दूध-पानी का पानी हो जाए, लेकिन जिन लोगों को डर लग रहा था वे दूध और पानी छोड़कर दूध और नींबू की बात करने लगे. धीरे-धीरे साफ हो गया कि कार्रवाई नहीं होगी. मुझे सरकार से क्या दिक्कत थी मैं आराम से उपमुख्यमंत्री पद पर था, मैं चाहता तो आराम से अपना जीवन जीता, लेकिन मुझसे भ्रष्टाचार देखा नहीं जा रहा था इस वजह से में यह यात्रा कर रहा हूं. मुझे राजस्थान के युवाओं के भविष्य और उनके रोजगार की चिंता है, इस वजह से में ये जन संघर्ष पदयात्रा कर रहा हूं.
4. टोंक से विधायक पायलट ने कहा कि वह भ्रष्टाचार का मुद्दा उठाते रहेंगे. इस घोषणा के बाद लोगों ने मुझसे कहा कि आप इतनी कड़ी गर्मी में पदयात्रा करना चाहते हैं तो मैंने कहा राजनीति आग का दरिया है जिसे तैर कर पार करना पड़ेगा. सचिन पायलट ने कहा कि पिछले 45 सालों से मेरा परिवार जनसेवा के लिए राजनीति में है, हमारी निष्ठा एवं ईमानदारी पर विरोधी भी उंगली नही उठा सकते है.
5. ये यात्रा अजमेर से शुरू होकर जयपुर की ओर आएगी और लगभग 125 किलोमीटर की दूरी तय करेगी. इस दौरान तिरंगा थामे पायलट के समर्थकों ने उनके समर्थन में नारेबाजी की. पूर्व मंत्री राजेंद्र चौधरी व स्थानीय नेता महेंद्र रालवता भी वहां मौजूद रहे. यात्रा के पोस्टरों में पायलट की तस्वीर के महात्मा गांधी, भीमराव आंबेडकर, भगत सिंह, पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू, इंदिरा गांधी, पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की तस्वीर भी हैं.
6. पायलट ने पेपर लीक और राजस्थान लोक सेवा आयोग (आरपीएससी) के सदस्य बाबूलाल कटारा की गिरफ्तारी के मुद्दे पर भी मुख्यमंत्री गहलोत पर निशाना साधा और पूछा कि कटारा की संपत्ति पर बुलडोजर क्यों नहीं चलाया गया जबकि इसी मामले में एक अन्य आरोपी की जयपुर स्थित संपत्ति पर बुलडोजर चला था. इसके साथ ही पायलट ने पेपर लीक प्रकरण व वसुंधरा राजे के नेतृत्व वाली पूर्ववर्ती बीजेपी सरकार के कथित भ्रष्टाचार के मामलों में कार्रवाई नहीं किए जाने का मुद्दा उठाया.
7. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी आज एक कार्यक्रम में बिना नाम लिए सचिन पायलट के बगावती तेवरों पर जवाब दिया. मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं उम्मीद करता हूं नई पीढ़ी को भी सच्चाई पर जाना चाहिए. ये झूठी राजनीति करने वाले लोग, मैं समझता हूं खतरनाक लोग होते हैं. अपने स्वार्थ के अलावा उन्हें कुछ दिखता ही नहीं है. ना उन्हें पार्टी की चिंता होती है और ना ही देश और प्रदेश की.
8. मुख्यमंत्री गहलोत के इस संबोधन को सचिन पायलट की जन संघर्ष यात्रा के जवाब के तौर पर देखा जा रहा है. गहलोत ने कहा कि मैंने हमेशा सबको साथ लेकर चलने की कोशिश की है. लोकतंत्र में वही सफल होता है जो सबको साथ लेकर चलता है. जो अपना-पराया करता है और गुट बनाता है वो जीवन में कभी सफल नहीं हो सकता. एक कहावत है- दूसरों की लकीरों को मिटाने के बजाय एक बड़ी लकीर खींचो. मैंने हमेशा यही किया है.
9. राजस्थान कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि सचिन पायलट की पदयात्रा उनकी निजी यात्रा है और इसका पार्टी संगठन से कोई लेना देना नहीं है. ये कांग्रेस की यात्रा नहीं है. डोटासरा ने कहा कि पार्टी संगठन की यात्रा वह है जिसमें पार्टी का चिह्न हो और पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी की तस्वीरें हों या जब अखिल भारतीय कांग्रेस समिति या राज्य कांग्रेस समितियां ऐसी गतिविधि के लिए कोई कार्यक्रम देती हैं.
10. सचिन पायलट ने ये यात्रा ऐसे समय में शुरू की है जबकि मुख्यमंत्री गहलोत ने कुछ दिन पहले ही 2020 में बगावत करने वाले कांग्रेस विधायकों पर बीजेपी से करोड़ों रुपये लेने का आरोप लगाया था. गहलोत ने कहा था कि उस वक्त जिन विधायकों ने बीजेपी से पैसे लिए थे, उन्हें ये पैसे केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को लौटा देने चाहिए.
ये भी पढ़ें-