Rakbar Khan Mob Lynching Case: राजस्थान के 2018 के रकबर खान मॉब लिंचिंग मामले में अलवर कोर्ट ने गुरुवार (25 मई) को चार दोषियों को सात-सात साल की सजा सुनाई. इसके अलावा अदालत ने एक आरोपी को रिहा कर दिया. चारों दोषियों के नाम नरेश शर्मा, विजय कुमार, परमजीत सिंह और धमेंद्र यादव है. 


इसी बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि सरकार इस आदेश का रिव्यू कराएगी. जयपुर में एक कार्यक्रम के दौरान उन्होंने कहा, ''सजा के मामले में कोर्ट ने किन परिस्थियों में आरोपियों को महज सात साल की सजा सुनाई. इसका अध्ययन किया जाएगा.'' दरअसल 2018 में रकबर खान को गौवंश तस्करी के शक में जान से मार दिया गया था. 


कोर्ट ने क्या कहा?
जस्टिस सुनील गोयल ने फैसला सुनाते हुए आरोपी परमजीत, धमेंद्र, नरेश और विजय को 304 पार्ट 1 और 323 और 341 में दोषी करार दिया. इस मामले में अन्य आरोपी नवल किशोर को कोर्ट ने संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया. कोर्ट ने कहा कि पांचवें आरोपी किशोर के खिलाफ पर्याप्त सबूतों नहीं मिले.  


मामला क्या है?
पुलिस ने साल 2019 में परमजीत, नरेश, विजय और धर्मेंद्र के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया था. 20 जुलाई, 2018 को अलवर के रामगढ़ इलाके में गौवंश तस्करी के संदेह में रकबर उर्फ अकबर को कुछ लोगों ने बुरी तरह पीटा था.


साल 2018 में 20 जुलाई की रात खान और उसके दोस्त असलम ने कथित तौर पर लाडपुरा गांव से गायों को खरीदा था और उन्हें अलवर जिले में लालवंडी के पास एक जंगली इलाके से होते हुए हरियाणा ले जा रहे थे.  जब आरोपियों ने उन पर हमला किया तब असलम तो भागने में सफल रहा लेकिन अकबर की बुरी तरह से पिटाई की गयी जिसकी बाद में अस्पताल में मौत हो गयी. 


ये भी पढ़ें- रकबर खान की हत्या पर बीजेपी नेता बोले- 'मरते समय हुमायूं ने बाबर से कहा था, गाय का सम्मान करना'