RPSC Paper Leak Case: जयपुर विकास प्राधिकरण (JDA) ने शुक्रवार (13 जनवरी) को राजस्थान लोक सेवा आयोग (RPSC) ग्रेड-2 शिक्षक भर्ती परीक्षा पेपर लीक मामले में आरोपी भूपेंद्र सरन के अवैध रूप से बने आवास के एक हिस्से को ध्वस्त कर दिया. जेडीए ट्रिब्यूनल ने पाया कि सरन ने घर के सामने और पीछे के हिस्से पर निर्माण कर अतिक्रमण कर रखा था.


ट्रिब्यूनल ने पहले अतिक्रमण हटाने के लिए अतिरिक्त समय प्रदान करने के लिए सरन की याचिका को खारिज कर दिया था. यह पाया गया कि उनके घर का 15 फीट चौड़ा फ्रंट सेटबैक और 8.3 फीट चौड़ा बैक सेटबैक साइट प्लान के अनुसार सड़क सीमा के अंतर्गत है.


गोपालपुरा बाइपास पर गिराई थी पांच मंजिला इमारत


इससे पहले, जेडीए की प्रवर्तन शाखा ने जयपुर के गोपालपुरा बाइपास इलाके में अवैध रूप से बनाई गई पांच मंजिला इमारत को गिरा दिया था. आरपीएससी पेपर लीक के दो मुख्य आरोपी बिल्डिंग के अंदर कोचिंग सेंटर चलाते थे. मामले में CBI जांच की मांग करते हुए भारतीय जनता पार्टी और राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी ने अशोक गहलोत के नेतृत्व वाली राजस्थान सरकार की आलोचना की और विरोध की घोषणा की.


RLP और BJP ने खोला मोर्चा


आरएलपी सांसद हनुमान बेनीवाल ने कहा कि पिछले दस सालों में कई पेपर लीक होने के कारण रद्द किए गए हैं और राज्य सरकार मामले में किसी भी मंत्री और नौकरशाह की संलिप्तता से संबंधित मामलों पर चुप रही है. इसी तरह, BJP सांसद किरोड़ी लाल मीणा ने घोषणा की कि वह 19 जनवरी को कई समर्थकों के साथ राज्य के दौसा क्षेत्र से जयपुर तक विरोध प्रदर्शन करेंगे. 


विधायकों पर लगाया आरोप


बीजेपी सांसद ने पेपर लीक मामले में राज्य के लगभग छह विधायकों की संलिप्तता का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि मुख्य आरोपी सुरेश ढाका के विशेषज्ञ महेंद्र बिश्नोई सहित सभी सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) प्रयोगशालाओं से संबंध हैं. मीणा ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, "महेंद्र बिश्नोई ने यूथ कांग्रेस के चुनावों में भी धांधली की. टीसीएस कंपनी के माध्यम से ही राजस्थान में ज्यादातर परीक्षाएं कराई गईं."


मास्टरमाइंड समेत 55 हुए थे गिरफ्तार


गौरतलब है कि उदयपुर पुलिस ने 26 दिसंबर को द्वितीय श्रेणी शिक्षक भर्ती परीक्षा पेपर लीक मामले के मास्टरमाइंड समेत करीब 55 लोगों को गिरफ्तार किया था. विपक्षी बीजेपी और आरएलपी के बढ़ते दबाव के बाद गिरफ्तारियां की गईं. परीक्षा आरपीएससी ने आयोजित की थी, जिसे बाद में पेपर, लीक की खबरों के बीच रद्द कर दिया गया. आरोपी अवैध रूप से प्राप्त प्रश्नपत्रों के बदले परीक्षार्थियों से लाखों रुपये वसूलने में शामिल थे.


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