Rajasthan Temple Demolition: राजस्थान के अलवर में तीन सौ साल पुराने मंदिर को तोड़े जाने को लेकर विरोध प्रदर्शन तेज होता जा रहा है. इसको लेकर लोगों में काफी गुस्सा देखा जा रहा है. भारतीय जनता पार्टी बुधवार को इसके खिलाफ आक्रोश रैली निकाल रही है. इस विरोध-प्रदर्शन में बड़ी संख्या में हिंदू संगठन और संत समाज के लोग शामिल हैं. प्रदर्शन के दौरान जय श्रीराम के नारे लगाए जा रहे हैं.


गौरतलब है कि 17 अप्रैल को अलवर में 300 साल पुराना मंदिर गिरा दिया गया था. इसके बाद से बीजेपी लगातार विरोध-प्रदर्शन कर रही है. राजस्थान के कैबिनेट मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावाल ने इसे प्रदर्शन को बीजेपी की नौटंकी करार दिया. उन्होंने कहा कि हम दोबारा मंदिर बनाने के लिए तैयार है. एबीपी न्यूज़ से बात करते हुए उन्होंने बताया कि राजस्थान की जनता कांग्रेस के साथ है. खाचरियावास ने आगे कहा कि यह कार्रवाई अतिक्रमण की वजह से हुई है. तो वहीं दूसरी तरफ राज्य के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बीजेपी पर हल्ला बोलते हुए उन्हें औरंगजेब करार दिया.


मंदिर तोड़ने पर गहलोत सरकार ने की कार्रवाई


अशोक गहलोत सरकार ने राजगढ़ के नगर पालिका अध्यक्ष समेत तीन लोगों को सस्पेंड कर दिया है. अलवर के राजगढ़ में मंदिर पर बुलडोजर चलाने के मामले में तीन बड़े लोगों पर गाज गिरी. राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार ने बड़ा एक्शन लिया है और राजगढ़ नगर पालिका अध्यक्ष सतीश दुहरिया को सस्पेंड कर दिया है. राजगढ़ नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी बनवारीलाल मीना को भी सस्पेंड कर दिया गया है. इसके अलावा एसडीएम केशव कुमार मीना को भी सस्पेंड किया गया.


क्या है पूरा मामला?


राजगढ़ के सराय बाजार में सड़क चौड़ी करने के मामले में नगर पालिका प्रशासन द्वारा की गई कार्रवाई में करीब सौ से ज्यादा दुकानों-मकानों सहित तीन मंदिरों को भी तोड़ दिया गया. इसके बाद यह मामला पूरे देश में सुर्खियां बन गया. इस मामले में सियासत भी खूब हुई. दोनों राजनीतिक दलों ने एक दूसरे पर आरोप लगाए. नगर पालिका में बोर्ड बीजेपी का है इसलिए कांग्रेस ने इसे बीजेपी की कार्रवाई बताया तो बीजेपी ने स्थानीय विधायक और सरकार के दबाव में प्रशासनिक कार्रवाई बताया.


ये भी पढ़ें: Alwar Temple Demolition: मास्टर प्लान के नाम पर कार्रवाई करने वालों पर गिरी गाज, तीन अधिकारी निलंबित, BJP ने की ये मांग