Udaipur Royal Family: मेवाड़ में सोमवार (25 नवंबर 2024) को पूर्व राज परिवार में काफी हंगामा हुआ. हालात ऐसे बने कि पथराव तक की नौबत आ गई. दरअसल, विश्वराज सिंह को मेवाड़ के पूर्व राज परिवार का मुखिया नियुक्त किया गया था. राजतिलक के बाद वह गद्दी पर बैठे. पगड़ी दस्तूर की रस्म पूरी की गई.
चित्तौड़गढ़ के उत्तराधिकारी घोषित किए जाने के बाद वह उदयपुर सिटी पैलेस में धूणी स्थल के दर्शन के लिए जाना चाहते थे, लेकिन मौजूदा ट्रस्ट के मुखिया और उनके चाचा अरविंद सिंह मेवाड़ ने उनको अंदर जाने की अनुमति नहीं दी. इसके बाद मौके पर जमकर बवाल हुआ. यहां हम आपको 10 पॉइंट में बता रहे हैं पूरा मामला.
10 पॉइंट में समझिए पूरा विवाद
1. राजस्थान की मेवाड़ रियासत में नए महाराणा की ताजपोशी पर यह पूरा विवाद शुरू हुआ. यहां उदयपुर में सिटी पैलेस के बाहर सोमवार देर रात तक यह चलता रहा और माहौल तनावपूर्ण रहा. बताय गया है कि मेवाड़ के पूर्व राजपरिवार के सदस्य विश्वराज सिंह और उनके समर्थकों को अंदर जाने से रोका गया था, जिसके बाद हंगामा बढ़ा.
2. दरअसल, विश्वराज सिंह दर्शन के लिए धूणी सिटी पैलेस में जाना चाहते थे, लेकिन उन्हें अंदर जाने से रोक दिया गया. इससे उनके समर्थक भड़क गए और हंगामा करने लगे. हालात को काबू करने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा. मौजूदा हालात को देखते हुए पुलिस ने सिटी पैलेस में बड़ी पोल से धूणी व जनाना महल तक के विवादित क्षेत्र के लिए रिसीवर नियुक्त करने के लिए अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट को रिपोर्ट भेजी है.
3. जिला कलेक्टर अरविंद कुमार पोसवाल ने कहा, “हालात अब नियंत्रण में है. महल के प्रतिनिधियों के साथ ही समाज के प्रतिनिधियों संग भी बातचीत चल रही है. हम कुछ मुद्दों पर सहमत हुए हैं, जबकि अन्य लोगों से बातचीत अभी भी जारी है."
4. जिला कलेक्टर पोसवाल ने का कहना है कि प्रशासन ने विवादित धूनी माता मंदिर स्थल को अपने कब्जे में ले लिया है. अगर दोनों गुटों में से कोई भी केस दर्ज करना चाहता है तो मामला जरूर दर्ज किया जाएगा.
5. राजसमंद से बीजेपी विधायक और मेवाड़ के नव नियुक्त महाराणा विश्वराज सिंह मेवाड़ को जब उदयपुर सिटी पैलेस के अंदर जाने से रोका गया तो वह समर्थकों के साथ बाहर ही बैठ गए. कुछ देर बाद विश्वराज सिंह मेवाड़ और उनके चचेरे भाई डॉ. लक्ष्य राज सिंह मेवाड़ और उनके चाचा अरविंद सिंह मेवाड़ के बीच गहमागहमी शुरू होने लगी..
6. महाराणा विश्वराज सिंह को जब महल के अंदर नहीं जाने दिया गया तो वह अपने समर्थकों के साथ जबरन घुसने लगे. यहां हाथापाई की नौबत आ गई और देखते ही देखते पथराव होने लगा. महल के अंदर मौजूद लोगों ने जवाबी कार्रवाई की, जिससे तनाव और बढ़ने लगा.
7. यह पूरा विवाद मेवाड़ के महाराणा के रूप में बीजेपी विधायक विश्वराज सिंह मेवाड़ के राज्याभिषेक से शुरू हुआ. बताया गया है कि उदयपुर के राजपरिवार के सदस्य और पूर्व सांसद महेंद्र सिंह मेवाड़ के निधन के बाद उनके बड़े बेटे विश्वराज सिंह का राजतिलक किया गया.
8. विवाद के बाद विश्वराज सिंह और उनके चचेरे भाई डॉ. लक्ष्य राज सिंह मेवाड़ के बीच तल्खियां बढ़ गई हैं. महेंद्र सिंह मेवाड़ के भाई और लक्ष्य राज सिंह के पिता अरविंद सिंह मेवाड़ ने विश्वराज सिंह के राजतिलक पर आपत्ति जताई है. यही वजह है कि राजतिलक की परंपरा निभाने से रोकने के लिए उन्हें एंट्री नहीं दी गई.
9. महेंद्र सिंह और उनके अलग हुए छोटे भाई अरविंद सिंह मेवाड़ के बीच विवाद लंबे समय से है. अब यह और बढ़ गया है. इसके बाद अब अरविंद सिंह ने दस्तूर कार्यक्रम के तहत विश्वराज सिंह के एकलिंग नाथ मंदिर और उदयपुर में सिटी पैलेस में जाने के खिलाफ सार्वजनिक नोटिस जारी किया है.
10. मेवाड़ के पूर्व राजघराने की नई पीढ़ियों के बीच मालिकाना हक को लेकर विवाद है. इनका मैनेजमेंट 9 ट्रस्ट देखता है. राजघराने की गद्दी को संभालने के लिए महाराणा भगवत सिंह ने ‘महाराणा मेवाड़ चैरिटेबल फाउंडेशन' संस्था शुरू की. यह संस्था उदयपुर में सिटी पैलेस संग्रहालय चलाती है.इन सभी ट्रस्ट को विश्वराज सिंह के चाचा अरविंद सिंह मेवाड़ और चचेरे भाई लक्ष्य राज सिंह मेवाड़ ही संभालते हैं. अरविंद सिंह मेवाड़ इस चैरिटबल ट्रस्ट के चेयरमैन हैं.
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