राजस्थान: डूंगरपुर जिले में शिक्षक भर्ती का मामला हिंसात्मक होने से दो लोगों की मौत हो गई. जिले में लगातार बने तनाव को देखते हुए राज्य सरकार ने केंद्र से रैपिड एक्शन फोर्स की मांग की है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के निर्देश पर तीन सीनियर आईपीएस अधिकारियों को देर रात हेलीकॉप्टर से उदयपुर और खेरवाड़ा भेजा गया है.


शिक्षक भर्ती पर रणक्षेत्र बना राजस्थान


डूंगरपुर जिले में शिक्षक भर्ती 2018 के तहत 1167 खाली पड़े पदों को एसटी वर्ग के अभ्यर्थियों से भरने की मांग को लेकर पिछले 20 दिन से आंदोलन चल रहा है. प्रदर्शनकारियों ने नेशनल हाईवे 8 स्थित काकरी डूंगरी पर महापड़ाव डाल रखा है. 24 सितंबर की शाम प्रदर्शनकारियों ने काकरी डूंगरी से उतरकर हाईवे को जाम कर दिया. उसके बाद उन्होंने हाईवे को जाम कर उत्पात मचाया. आरोप है कि इस दौरान उन्होंने पुलिसकर्मियों पर पथराव भी किया. पथराव में डूंगरपुर एडिशनल एसपी गणपति महावर सहित करीब एक दर्जन से ज्यादा पुलिसकर्मी घायल हुए.


अगले दिन भी उन्होंने एसपी जय यादव की गाड़ी सहित 6 से ज्यादा ट्रक, दो दर्जन छोटे वाहन और कई दुपहिया वाहनों को फूंक दिया. हाईवे की होटलों और दुकानों में जमकर तोड़फोड़ और लूटपाट भी की. दिन में कई बार पुलिस और प्रदर्शकारी एक दूसरे पर भारी पड़ते नजर आए. प्रदर्शनकारियों की पत्थरबाजी के जवाब में पुलिस ने सैकड़ों राउंड रबर बुलेट और टियर गैस फायर किए लेकिन स्थिति काबू में नहीं आई.


शाम को प्रदर्शनकारी वापस काकरी डूंगरी की ओर चले गए और रात को फिर होटलों में तोड़फोड़ और लूटपाट की. आज मौके पर हालात नियंत्रण में है. प्रदर्शनकारी काकरी डूंगरी पर डटे हुए हैं. पुलिस ने मोतली मोड पर मोर्चा संभाल रखा है. शांति बहाल करने के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदर्शनकारियों से अपील की है. उन्होंने कहा कि प्रदर्शनकारी शांतिपूर्वक ढंग से अपनी मांग रखें. जयपुर में मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में बैठक भी हुई. बैठक में डूंगरपुर जिले के विधायकों और जनप्रतिनिधी भी मौजूद रहे. जिसमें आंदोलन समाप्त करने और मसले का हल निकालने पर चर्चा की गई.


क्या है आंदोलन और उपद्रव का कारण?


शिक्षक भर्ती 2018 में टीएसपी एरिया के लिए सरकार ने 5431 पदों पर भर्ती निकाली थी. टीएसपी एरिया की आरक्षण व्यवस्था के अनुसार 50% पद ओपन कैटेगरी यानी सभी वर्गों से भरे जाने थे. जबकि 45% पद एसटी वर्ग और 5% पद एससी वर्ग के अभ्यर्थियों के लिए आरक्षित किया गया.


भर्ती के दौरान एसटी और एससी वर्ग के सभी पद चयनित अभ्यर्थियों को दे दिए गए. जबकि ओपन कैटेगरी के 2721 पदों के मुकाबले केवल 1554 अभ्यर्थी ही पास हुए और उन्हें पोस्टिंग भी दे दी गई. इस कैटेगरी में 1167 पद खाली रह गए. एसटी वर्ग के अभ्यर्थी खाली पड़े पदों की पोस्टिंग से वंचित रह गए. आंदोलन एसटी वर्ग के अभ्यर्थियों से भरने की मांग को लेकर चल रहा है. राज्य सरकार का कहना है कि आदिवासी लोगों की मांग पूरी नहीं हो सकती.


उसने हाईकोर्ट के फैसले के हवाले से कहा है कि सामान्य वर्ग के 60% से कम अंकों वाले अभ्यर्थी पात्र नहीं माने जा सकते क्योंकि इनकी योग्यता ही साठ प्रतिशत से अधिक की तय है. अब इन पदों पर जनजाति अभ्यर्थी 36% की योग्यता वालों की नियुक्ति की मांग कर रहे हैं. प्रशासन का दावा है कि आदिवासी इलाके में हिंसा को झारखंड से आए गुट ने बढ़ावा दिया है. डूंगरपुर के जिला कलेक्टर कानाराम के मुताबिक झारखंड और अन्य जगहों से आए लोगों ने स्थानीय लोगों को भड़काया.


कुछ उपद्रवी लोग अभी भी गांवों में छिपे हुए हैं जिनकी तलाश की जा रही है. दो की मौत शनिवार की शाम खेरवाड़ा में पुलिसकर्मी और उपद्रवी लोगों की भिड़ंत के दौरान हुई. फायरिंग में तरुण आहरि और अल्पेश नाम के दो लोगों की मौत से स्थिति तनावपूर्ण है. हालांकि ये फायरिंग किसकी तरफ से हुई प्रशासन ने इसकी पुष्टि नहीं की है.


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