राजस्थान: खुद अपनी जिंदगी दांव पर लगाकर कोरोना के खिलाफ जंग में मदद करने वाले कर्मवीर देश के लिए मिसाल बन गए हैं. ऐसे ही राजस्थान की एक महिला स्वास्थ्यकर्मी कोरोना के खिलाफ जंग में संकटमोचन बनकर सामने आई हैं. उन्होंने अपनी मातृत्व से पहले अपनी मातृभूमि की रक्षा करने का फैसला लिया है.


राजस्थान के बूंदी में शक्ति जोशी नाम की महिला स्वास्थ्यकर्मी के तौर पर ड्यूटी कर रही हैं. शक्ति पांच महीने की गर्भवती हैं लेकिन फिर भी संकट के वक्त देश के साथ कंधा से कंधा मिलाकर खड़ी है. इस महामारी में भी उन्हें अपनी नहीं, बल्कि हमारी और आपकी चिंता सता रही है.

ऐसी हालत में छुट्टी लेने के सवाल पर शक्ति जोशी ने कहा, छुट्टी तो हम बाद में भी ले सकते है. जब तक मैं चलने की हालात में हूं, तब तक इस ड्यूटी को करना चाहती हूं. क्योंकि इस समय हमारी अहम भूमिका है और मुझे अपने काम पर गर्व है.

गर्भवती महिला ने कहा- देश को मेरी जरूरत
इसी तरह बुंदी के शहरी स्वास्थ्य प्राथमिक कल्याण केंद्र में कार्यरत विजयलक्ष्मी भी गर्भवती भी हैं. लेकिन कोरोना संकट काल में ये महिलाएं अपनी जिम्मेदारी बखूबी समझती हैं. तभी गर्भवती होने के बावजूद गर्मी के मौसम में घर-घर जाकर लोगों को कोरोना के प्रति जागरुक कर रही हैं. विजयलक्ष्मी ने कहा, 'इस समय मुझे देश की और देश को मेरी बहुत जरूरत है. इसलिए मैं घर-घर जाकर कोरोना पर सर्वे कर रही हूं.'

देश में कोरोना महामारी का प्रकोप लगातार बढ़ता जा रहा है. ऐसे कोरोना काल की ये योद्धाएं देश के लिए मिसाल हैं. इन योद्धाओं को सलाम है.

ये भी पढ़ें-
राजस्थान: कोरोना का झाड़ा लगाकर शख्स फैला रहा था अंधविश्वास, पुलिस ने लिखवाया लिखित में माफीनामा

केजरीवाल बोले- मुसलमान का प्लाज्मा हिन्दू की और हिन्दू का प्लाज्मा मुसलमान की जान बचाएगा