जयपुर: राजस्थान के बाड़मेर जिले में पुलिस हिरासत में एक युवक की मौत का मामला सामने आया है. यह मामला शुक्रवार को विधानसभा में भी ख़ूब गूंजा. इस मुद्दे को लेकर पहले प्रमुख विपक्षी दल बीजेपी के सदस्यों ने वेल में आकर सरकार के ख़िलाफ़ जमकर नारेबाज़ी की. फिर इस मुद्दे को लेकर स्पीकर सीपी जोशी का सख़्त रवैया देखने को मिला. स्पीकर ने इस मुद्दे पर राज्य के मंत्री शांति धारीवाल को भी जमकर लताड़ लगाई और उन्हें जवाब देने से रोक दिया. विधानसभा में आज शून्यकाल में ये मामला उठा.
सरकार की तरफ़ से नगरीय विकास मंत्री शान्ति धारीवाल ने सदन को बताया कि बाड़मेर में युवक की हिरासत में हुई मौत को लेकर थाना अधिकारी को निलम्बित कर पुलिस अधीक्षक को एपीओ किया जा चुका हैं. लेकिन विपक्ष मंत्री के जवाब से संतुष्ट नहीं हुए और बीजेपी के सभी सदस्य वेल तक आ गए और सरकार के ख़िलाफ़ नारेबाज़ी करने लगे.
क़रीब पंद्रह मिनट तक सदन में हंगामा होता रहा. इसके बाद अध्यक्ष सी पी जोशी ने बीजेपी के सदस्यों को अपने स्थान पर जाने के निर्देश दिए. स्पीकर ने इसके बाद मंत्री धारीवाल को इस मुद्दे पर जवाब देने को कहा. मंत्री धारीवाल जवाब के लिए खड़े हुए और पूरा घटनाक्रम बताने लगे. स्पीकर ने उन्हें टोका और पूछा कि क्या सरकार की मंशा मृतक युवक के परिजनों को किसी तरह की राहत पैकेज देने की हैं?
मंत्री धारीवाल स्पीकर के सवाल का जवाब देने के बजाय फिर घटनाक्रम बताने लगे. इस पर स्पीकर ने कड़ा रुख़ अपनाते हुए धारीवाल से कहा कि आप ख़ुद कह चुके है कि मृतक युवक को बिना एफआईआर के थाने में रात भर रखा गया था तो क्या पुलिस इतनी सज्जन होती हैं कि उसके साथ मारपीट नहीं की गई होगी. स्पीकर की बात पर धारीवाल पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आने तक का इंतज़ार करने की बात करने लगे.
तभी विपक्ष के नेता गुलाब चंद कटारिया ने बोलना शुरू कर दिया. कटारिया को बोलते वक़्त मंत्री धारीवाल ने टोका तो कटारिया आपे से बाहर हो गए और चुनौती भरे लहजे में धारीवाल से बोले कि आप ये मत समझो कि आपके ही फैफ़ेंडो में दम हैं हमारे भी दम हैं. इस पर सदन में फिर शोर शराबा होने लगा. कटारिया और मंत्री धारीवाल एक दूसरे से उलझ रहे थे और दोनो पक्षों के विधायक ज़ोर ज़ोर से बोल रहे थे.
स्पीकर जोशी अपनी कुर्सी से खड़े हुए और सभी सदस्यों को उनकी जगह पर बिठाया. इसके बाद स्पीकर ने व्यवस्था दी कि इस मुद्दे पर भावुक तर्क वितर्क की जगह सरकार को ये साफ़ करना चाहिए कि पुलिस हिरासत में मौत के मामलों में क्या नियमों को बदलकर मृतक के परिजनों को को कोई राहत पैकेज दिया जाएगा? स्पीकर ने इस मुद्दे पर सदन में अगले सप्ताह चर्चा करवाने की बात कही. लेकिन आज स्पीकर जोशी का हिरासत में मौत के मामले को लेकर जो सख़्त रवैया दिखाई दिया उसकी ख़ासी चर्चा सदन में हुई. इस मामले में स्पीकर जोशी ने जहाँ विपक्ष को संरक्षण दिया वहीं मंत्री के प्रति उनका सख़्त रुख़ सरकार को बैक फ़ुट पर लाता दिखा.