जयपुरः राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने गुरुवार को अधिकारियों को राज्य के बजट में घोषित 50 हजार कृषि बिजली कनेक्शन जारी करने के लक्ष्य को पूरा करने के लिए ‘बूंद-बूंद सिंचाई योजना’ के तहत प्राप्त आवेदनों के साथ ही नए आवेदन प्राप्त करके और प्राथमिकता के आधार पर सामान्य श्रेणी के मांग पत्र जारी करके कनेक्शन देने का निर्देश दिया. गहलोत ने कोरोना वायरस महामारी को देखते हुए कृषि क्षेत्र के उपभोक्ताओं को बड़ी राहत देते हुए महत्वपूर्ण निर्णय किए.


मुख्यमंत्री ने किसानों की मांग को देखते हुए निर्देश दिए कि कृषि बिजली उपभोक्ता अपने कनेक्शन के स्वीकृत भार को स्वयं की घोषणा अनुसार बिना अतिरिक्त राशि जमा करवाये बढ़ा सकेंगे. किसान कृषि कनेक्शन की इस स्वैच्छिक भार वृद्धि योजना का लाभ 31 दिसम्बर तक उठा सकेंगे.


बिलों में जुर्माने से छूट
सरकार ने कोरोना वायरस संक्रमण महामारी से उत्पन्न आर्थिक परिस्थितियों के कारण ऐसे कृषि उपभोक्ता जो अपना बिल जमा नहीं करवा पाएं उन्हें भी राहत दी है. इसके अनुसार अपने लम्बित बिल 31 अक्टूबर, 2020 तक जमा करवाने वाले कृषि उपभोक्ताओं से जुर्माना अथवा विलम्ब भुगतान अधिशुल्क (एलपीएस) नहीं वसूला जाएगा. यह राहत बीपीएल व लघु श्रेणी के घरेलू विद्युत उपभोक्ताओं को भी दी जाएगी.


मुख्यमंत्री ने अवैध विद्युत लाइनों व अवैध ट्रांसफार्मरों के माध्यम से बिजली चोरी एवं इनसे होने वाली दुर्घटनाओं में किसानों की मौत पर चिंता जतायी. उन्होंने ऐसी घटनाओं पर रोक लगाने के लिए अधिकारियों को अधिक सतर्कता बरतने के निर्देश दिए.


50 फीसदी राशि में वीसीआर का निस्तारण
उन्होंने कहा कि कृषि कनेक्शनों में बिजली चोरी पकड़े जाने पर होने वाली वीसीआर की कार्रवाई के मामलों में 20 प्रतिशत राशि जमा कराने पर कृषि उपभोक्ता के प्रकरण को वीसीआर कमेटी के समक्ष पेश करके गुण-अवगुण के आधार पर निर्णय करने के लिए प्रस्तुत किया जा सकेगा अथवा निर्धारित की गई राशि की 50 प्रतिशत राशि एकमुश्त जमा करके वीसीआर प्रकरण का सम्पूर्ण निस्तारण किया जा सकेगा.


यह भी पढ़ें-


भारत और चीन के बीच हालात अभूतपूर्व, बातचीत ही एकमात्र रास्ता- एस जयशंकर


बिहार: RLSP का महागठबंधन से बाहर होना अब औपचारिकता मात्र, जानें क्या बोले उपेंद्र कुशवाहा