Kerala: 'महामारी के बाद भारत के लिए दुनिया का नजरिया बदला, जल्द ही दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होंगे हम'- राजीव चंद्रशेखर
Ernakulam: केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी और कौशल विकास राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि महामारी के दौर के बाद भारत ने तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था बनने की पुरजोर कोशिशें कीं.
Rajeev Chandrasekhar On India's Economy : केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी और कौशल विकास राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि कोविड-19 महामारी के दौरान जब हर देश को कारोबार में भारी नुकसान का सामना करना पड़ा था, तब भारत ने दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था बनने की कोशिश की है. ये बात उन्होंने एर्नाकुलम (Ernakulam) के सेंट टेरेसा कॉलेज में मशहूर शिक्षाविद ई बालागुरुसामी की ऑटोग्राफी 'प्रोफेसर बालागुरुसामी' (Professor Balagurusamy) के लॉन्च समारोह के दौरान कही.
'मौजूदा पीढ़ी भाग्यशाली है'
मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि विकास और बढ़ोतरी की राह पर भारत एक बदलाव के मोड़ पर है. बदलाव के इस दौर में उत्कृष्टता प्राप्त करने के अवसरों के मामले में मौजूदा पीढ़ी सबसे अधिक किस्मत वाली और भाग्यशाली है.
उन्होंने आगे कहा, “भारत दुनिया की 5 सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है और कुछ वर्षों में, हम बगैर किसी संदेह के दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होंगे. मैं इसे पूरी यकीन और ईमानदारी के साथ कहता हूं. उत्कृष्टता के सबसे अधिक अवसरों के साथ युवा छात्रों की यह पीढ़ी सबसे भाग्यशाली है. न सिर्फ कोच्चि में, या राष्ट्रीय स्तर पर बल्कि दुनिया भर में. यह एक हकीकत है और कृपया इसे याद रखें."
'महामारी के बाद भारत को लेकर दुनिया की बदली सोच'
राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि कोविड-19 महामारी के दौरान जब दुनिया के देश व्यापार के मामले में नुकसान झेल रहे थे तब भारत पूरी रफ्तार से अपनी अर्थव्यवस्था को बढ़ाने की कोशिशों में लगा रहा. देश ने दो सौ दस करोड़ लोगों का टीकाकरण किया. इतना ही नहीं दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ते स्टार्ट-अप और इनोवेशन इकोसिस्टम के मामले में भी आगे रहा. मंत्री ने कहा कि भारत के बारे में दुनिया की समझ कोविड-19 महामारी के बाद पूरी तरह से बदल गई है.
उन्होंने कहा, “अब आर्थिक महाशक्तियों की हालत देखें. संयुक्त राज्य अमेरिका में ऐतिहासिक उच्च मुद्रास्फीति, बहुत कम टीकाकरण दर है. ऐसी ही हालात यूनाइटेड किंगडम के हैं जहां मुद्रास्फीति सबसे अधिक उच्च स्तर पर है. चीन को देखिए जो खुद को महाशक्ति मानता है. वे अब लॉकडाउन के छठे दौर में हैं और फिर से एक बड़ी आर्थिक मंदी का सामना कर रहे हैं.”
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