चेन्नईः पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी हत्याकांड में दोषी रॉबर्ट पायस 28 साल में पहली बार सोमवार को 30 दिन के लिए पैरोल पर जेल से बाहर आया. वरिष्ठ जेल अधिकारी ने बताया कि आजीवन कारावास की सजा काट रहे पायस को पुझल केंद्रीय जेल से 21 नवंबर को मद्रास हाई कोर्ट के आदेश पर रिहा किया गया. उन्होंने बताया कि अदालत ने पायस को बेटे तमिलको की शादी की व्यवस्था करने के लिए यह राहत दी है.


पायस श्रीलंकाई नागरिक है और 16 अगस्त 1991 से ही जेल में है. वह 1990 में पत्नी के साथ भारत आया था और अभी छह दोषियों के साथ उम्र कैद की सजा काट रहा है. अधिकारी ने बताया, ‘‘पैरोल देने के लिए उस पर कई शर्ते लगाई गई है जिसमें किसी भी राजनीतिक पार्टी के नेता से मुलाकात पर रोक शामिल है.’’


कड़ी सुरक्षा के बीच पायस नीले रंग की शर्ट और डेनिम जींस में बाहर आया और उसे चेन्नई के उपनगर नीलनकराई में एक घर में ले जाया गया जहां वह पैरोल के दौरान रहेगा.


25 नवंबर से 24 दिसंबर तक पैरोल


जस्टिस एमएम सुंदरेश और जस्टिस आरएमटी टीका रमन ने पायस को 25 नवंबर से 24 दिसंबर तक की पैरोल दी है. इससे पहले पायस ने अदालत को बताया कि वह वास्तव में 28 साल से अधिक जेल में बिता चुका है और अच्छे व्यवहार के बावजूद उसे कोई छुट्टी नहीं मिली है.


हाई कोर्ट के आदेश के मुताबिक 24 दिसंबर को शाम पांच बजे उसे जेल प्रशासन के समक्ष आत्मसमर्पण करना है. पायस ने जून में तमिलनाडु सरकार के समक्ष याचिका दायर कर इच्छा मृत्यु की मांग की थी.


बता दें कि राजीव गांधी हत्याकांड में छह अन्य मुरुगन, उसकी पत्नी नलिनी, संतन, पेरारीवलन, रविचंद्रन, जयकुमार भी आजीवन कारावास की सजा काट रहे हैं. राजीव गांधी की 21 मई 1991 को श्रीपेरम्बदूर में लिबरेशन ऑफ तमिल टाइगर्स इलम ने आत्मघाती हमले में हत्या कर दी थी.


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