Manipur New DGP: मणिपुर के नए डीजीपी बने राजीव सिंह, एक दिन पहले ही हुआ त्रिपुरा से ट्रांसफर
देश के गृहमंत्री अमित शाह ने मणिपुर हिंसा के बाद वहां के प्रशासन में बड़ा बदलाव करते हुए 1993 बैच के आईपीएस अफसर राजीव सिंह को राज्य का नया डीजीपी बनाया गया है.
Manipur Gets New DGP: गृहमंत्री अमित शाह के दौरे के बीच मणिपुर में बड़ा प्रशासनिक फेर बदल हुआ है. 1993 बैच के आईपीएस अफसर राजीव सिंह को राज्य का नया डीजीपी बनाया गया है. एक दिन पहले ही उनके कॉडर को तीन सालों के मणिपुर ट्रांसफर कर दिया गया था. वह केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल में महानिरिक्षक के पद पर तैनात थे. एक आधिकारिक आदेश में यह जानकारी दी गई है.
सूत्रों के मुताबिक भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के वरिष्ठ अधिकारी राजीव सिंह को राज्य की मौजूदा सुरक्षा स्थिति को संभालने के लिए डीजीपी के पद पर नियुक्त किया गया है. एक आधिकारिक आदेश के मुताबिक केंद्र सरकार ने हाल ही में त्रिपुरा कैडर से मणिपुर आए आईपीएस अधिकारी राजीव सिंह को राज्य का डीजीपी नियुक्त किया है. केंद्रीय गृह मंत्रालय के आदेश के मुताबिक सिंह की नियुक्ति तीन साल के लिए होगी. गृह मंत्रालय ने सीआरपीएफ को सिंह को तत्काल प्रभाव से कार्यमुक्त करने का भी निर्देश दिया है ताकि वह अपना नया कार्यभार ग्रहण कर सकें.
Rajiv Singh appointed as Manipur DGP, Head of Police Force. P Doungel appointed as OSD(Home) pic.twitter.com/405d6FGfxi
— ANI (@ANI) June 1, 2023
जातीय संघर्ष से क्यों जल उठा मणिपुर?
पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर में तीन मई को हिंसा भड़कने के तुरंत बाद केंद्र सरकार ने सीआरपीएफ के पूर्व प्रमुख कुलदीप सिंह को मणिपुर सरकार का सुरक्षा सलाहकार नियुक्त किया था. पिछले एक महीने से जातीय संघर्ष के कारण मणिपुर जल रहा है और सरकार की शांति बहाल करने की सारी कोशिशें नाकाम हो गई हैं. मणिपुर में हालात धीरे-धीरे सुधर ही रहे थे लेकिन लगभग एक पखवाड़े की शांति के बाद रविवार को उग्रवादियों और सुरक्षा बलों के बीच फिर संघर्ष हुआ.
अब तक संघर्ष में 30 लोग गंवा चुके हैं अपनी जान
सुरक्षा एजेंसियों के अधिकारियों ने बताया कि तीन मई को हिंसा शुरू होने के बाद से अब तक संघर्ष में 80 लोगों की जान चली गई है. गौरतलब है कि मणिपुर में मेइती समुदाय द्वारा अनुसूचित जनजाति (एसटी) दर्जे की मांग के विरोध में तीन मई को पहाड़ी जिलों में 'आदिवासी एकजुटता मार्च' के आयोजन के बाद जातीय हिंसा भड़क गई थी.