Rajiv Gandhi Assassination: भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की आज जयंती मनाई जा रही है. पूरा देश उन्हें याद कर रहा है. राजीव गांधी का जन्म 20 अगस्त 1944 में हुआ था. 1991 में एक चुनावी रैली में बम धमाके में हुई उनकी हत्या ने पूरे देश को स्तब्ध कर दिया था. उनकी हत्या श्रीलंका में स्थित एक सशस्त्र तमिल अलगाववादी संगठन लिबरेशन टाइगर्स ऑफ तमिल ईलम (एलएलटीई) ने की थी. 


राजीव गांधी मई 1991 में चुनाव प्रचार में व्यस्त थे. 21 मई को आंध्र प्रदेश के विशाखापटनम में चुनाव प्रचार के बाद उनका अगला पड़ाव तमिलनाडु का श्रीपेरंबदूर था. जहां वे जीके मूपनार के लिए प्रचार करने वाले थे. मद्रास (अब चेन्नई) पहुंचने के दो घंटे बाद, राजीव गांधी को एक कार में बैठाकर श्रीपेरंबदूर ले जाया गया. 


राजीव गांधी रात को पहुंचे थे रैली में


इस दौरान वह रास्ते में कुछ अन्य चुनाव प्रचार स्थलों पर रुक रहे थे. इसके बाद रात 10 बजे के आसापास राजीव गांधी श्रीपेरंबदूर में चुनावी रैली स्थल पर पहुंचे. यहां कांग्रेस कार्यकर्ताओं और स्कूली बच्चों ने उनका स्वागत किया. रैली स्थल पर पुरुषों और महिलाओं के लिए दो अलग-अलग गैलरी थीं. इस रैली में महिला आत्मघाती हमलावर धनु और अन्य लिट्टे सदस्य भी मौजूद थे. 


आत्मघाती हमलावर धनु ने पास आने की कोशिश की


राजीव गांधी ने पहले पुरुषों की गैलरी का दौरा किया और फिर वह महिलाओं की गैलरी का दौरा करने गए. ऐसा कहा जाता है कि महिला गैलरी का दौरा करते समय एक महिला राजीव गांधी के पास आ रही थी. जिसे एक पुलिसकर्मी ने रोका तो राजीव गांधी ने उन्हें ऐसा करने से मना किया. 


और किया बम धमाका


ये महिला कलैवानी राजरत्नम (जिसे काल्पनिक नाम थेनमोझी राजरत्नम और धनु के नाम से जाना जाता है) थी. रात के लगभग 10:10 बजे थे, धनु जब राजीव गांधी के पैर छूने के लिए झुकी तो उसने अपनी ड्रेस के नीचे बंधी आरडीएक्स विस्फोटक से भरी बेल्ट से विस्फोट कर दिया. 


इस धमाके में राजीव गांधी, उनकी हत्यारी धनु और 14 अन्य लोगों की मौत हो गई थी. साथ ही बड़ी संख्या में लोग घायल भी हुए थे. राजीव गांधी देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के पोते और इंदिरा गांधी और फिरोज गांधी के सबसे बड़े बेटे थे. उनकी शादी सोनिया गांधी से हुई थी. 


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