Rajiv Gandhi Killing Convicts: राजीव गांधी के हत्यारों की रिहाई को लेकर जमकर बहस शुरू हो चुकी है. इस मामले पर जहां केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है, वहीं कांग्रेस ने सरकार पर कई आरोप लगाए हैं. पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या के मामले में दोषियों की समय से पहले रिहाई के खिलाफ केंद्र सरकार का सुप्रीम कोर्ट का रुख किये जाने को लेकर कांग्रेस ने कहा कि सरकार देर से जागी है.


पार्टी के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने आरोप लगाया कि सरकार इस मामले में जानबूझकर उदासीन बनी रही. उन्होंने ट्वीट किया, 'राजीव गांधी की हत्या के दोषियों के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दायर करने का केंद्र सरकार का फैसला देर से जागने का मामला है. भाजपा सरकार इस मामले को लेकर जानबूझकर उदासीन बनी रही है. जब सभी लोग बाहर आ गए तो फिर अदालत का दरवाजा खटखटाने का क्या मतलब है?'


केंद्र सरकार ने किया सुप्रीम कोर्ट का रुख
केंद्र सरकार ने राजीव गांधी हत्याकांड के छह दोषियों की समय-पूर्व रिहाई के आदेश पर पुनर्विचार के लिए गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया. शीर्ष अदालत ने 11 नवंबर को नलिनी श्रीहरन सहित छह दोषियों को समय से पहले रिहा करने का आदेश दिया था. न्यायालय ने तमिलनाडु सरकार की अपराधियों की सजा में छूट की सिफारिश के आधार पर ये आदेश दिया था.


सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद नलिनी के अलावा आर पी रविचंद्रन, संथन, मुरुगन, रॉबर्ट पायस और जयकुमार जेल से बाहर आ गए. जेल से बाहर आने के बाद दोषियों ने तमाम मीडिया चैनलों को इंटरव्यू भी दिया और कहा कि उन्हें पीड़ित की तरह देखा जाए.