राजीव गांधी हत्याकांड: रॉबर्ट पायस की पेरोल याचिका पर मद्रास हाई कोर्ट ने जेल अधिकारियों को भेजा नोटिस
याचिकाकर्ता ने कहा कि जेल डीआईजी को 30 दिनों के पैरोल की मंजूरी के लिए दिए गए आवेदन में कोई प्रगति नहीं होने के बाद उसने अदालत का दरवाजा खटखटाया.
चेन्नई: मद्रास हाई कोर्ट ने बृहस्पतिवार को रॉबर्ट पायस की याचिका पर जेल अधिकारियों को नोटिस जारी किया. पायस राजीव गांधी हत्याकांड मामले में सजायाफ्ता है और उसने अपने बेटे की शादी की व्यवस्था करने के लिए 30 दिनों के पैरोल की मांग की है. जस्टिस एम एम सुंदरेश और जस्टिस आरएमटी टीका रमन की खंडपीठ ने पुलिस उपमहानिरीक्षक (जेल) और केंद्रीय कारागार, पुझाल के पुलिस अधीक्षक को नोटिस जारी कर उनसे दो हफ्ते के अंदर जवाब मांगा है.
याचिकाकर्ता ने कहा कि वह 16 अगस्त 1991 से जेल में बंद है और वास्तविक जेल की सजा 28 वर्ष से अधिक पूरी कर चुका है. उसने कहा कि इस दौरान जेल में अच्छे व्यवहार के बावजूद उसने तमिलनाडु सजा निलंबन नियम, 1982 के तहत प्राप्त आपातकालीन या साधारण छुट्टियों का इस्तेमाल नहीं किया है.
उसने कहा कि जेल डीआईजी को 30 दिनों के पैरोल की मंजूरी के लिए दिए गए आवेदन में कोई प्रगति नहीं होने के बाद उसने अदालत का दरवाजा खटखटाया.
मामले में एक अन्य सजायाफ्ता नलिनी को अदालत ने जुलाई में एक महीने पैरोल की मंजूरी दी थी. उसने अपनी बेटी की शादी की व्यवस्था करने के लिए पैरोल की मांग की थी.
पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या के सिलसिले में पायस और छह अन्य लोग आजीवन कारावास की सजा काट रहे हैं. राज्य के कांचीपुरम जिले के श्रीपेरुम्बुदुर इलाके में 21 मई 1991 को एक चुनावी रैली के दौरान आत्मघाती बम विस्फोट में पूर्व प्रधानमंत्री की हत्या कर दी गई थी.
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