बीजेपी के साथ गठबंधन तोड़ना शिवसेना को महंगा पड़ेगा- राजीव प्रताप रूडी
सारण से बीजेपी सांसद राजीव प्रताप रूडी ने कहा कि बीजेपी के साथ गठबंधन तोड़ना शिवसेना को महंगा पड़ सकता है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि शिवसेना का बीजेपी के साथ नेचुरल अलायंस था. कांग्रेस और एनसीपी के साथ मिलकर शिवसेना की सरकार नहीं चलेगी.
हाजीपुर: महाराष्ट्र में शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी के साथ मिलकर सरकार बनाने की तैयारी में है. इस बीच बीजेपी ने दावा कर दिया कि वह राज्य में सरकार बनाएगी. बीजेपी ने दूसरी बार ये बात कही है. उधर आज बीजेपी सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री राजीव प्रताप रूडी ने कहा कि बीजेपी के साथ गठबंधन तोड़ना शिवसेना को महंगा पड़ेगा. उन्होंने कहा कि शिवसेना का बीजेपी के साथ नेचुरल अलयांस था. कांग्रेस और एनसीपी के साथ उनकी सरकार नहीं चलेगी. सोनपुर मेले में पहुंचे रूडी ने ये बात कही.
राजीव प्रताप रूडी ने कहा कि महाराष्ट्र की जनता के साथ ठीक नहीं हो रहा है. उन्होंने कहा, ‘’वे स्वतंत्र हैं. कभी भी सरकार बना सकते हैं लेकिन स्थिति बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है. शिवसेना का नेतृत्व पता नहीं कब तक इन लोगों के साथ रहेगा. महाराष्ट्र के लोगों के साथ उचित नहीं हो रहा है. इस बात को हमें हमेशा याद रखना पड़ेगा कि बीजेपी के साथ शिवसेना नेचुरल अलायंस में था. उन्होंने नेचुरल एलायंस तोड़ा है. शायद उनके लिए बहुत महंगा पड़ सकता है. वह पहले भी मुख्यमंत्री बना रहे थे. आगे देखिए क्या होता है.’’
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महाराष्ट्र में किस पार्टी का होगा सीएम
एनसीपी, कांग्रेस और शिवसेना मिलकर राज्य में सरकार बनाने की कवायद में लगे हुए हैं. लेकिन एक सवाल जो सभी के मन में उठ रहा है वो ये है कि राज्य में आखिर सीएम किस पार्टी का होगा. ये सवाल अपने आप में इसलिए अहम हो जाता है क्योंकि इससे पहले ये चर्चा थी कि एनसीपी, शिवसेना के सामने ढाई ढाई साल के लिए सीएम पद की मांग रख सकती है.
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जाहिर है कि शिवसेना और बीजेपी के रिश्तों में इसी वजह से दरार आई थी. शिवसेना 50-50 फॉर्मूले के तहत ढाई ढाई साल के लिए सीएम का पद मांग कर रही थी. बीजेपी ने इससे इनकार कर दिया और दोनों के रास्ते अलग हो गए. ऐसे में अब तीन पार्टियां कांग्रेस, एनसीपी और शिवसेना में से सीएम की कुर्सी पर कौन बैठेगा. इस सवाल पर एनसीपी के सीनियर नेता नवाब मलिक ने कहा कि निश्चित रूप से सीएम शिवसेना का ही होगा. उन्होंने कहा कि शिवसेना का अपमान हुआ है. उनका स्वाभिमान बनाए रखना हमारी जिम्मेदारी है.
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