Rajiv Shukla Exclusive: हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बन गई है. रविवार (11 दिसंबर) को सुखविंदर सिंह सुक्खू ने मुख्यमंत्री के तौर पर और मुकेश अग्निहोत्री ने राज्य के उपमुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली है. उनके शपथ ग्रहण समारोह में कांग्रेस के दिग्गज नेता पहुंचे. कांग्रेस के लिए हिमाचल में इस बार सरकार बनाना आसान नहीं रहा है. हिमाचल प्रदेश के कांग्रेस प्रभारी राजीव शुक्ला ने एबीपी न्यूज़ से खास बातचीत में बताया कि आखिरकार राज्य में कांग्रेस की वापसी कैसे हुई और क्यों सुखविंदर सिंह सुक्खू (Sukhwinder Singh Sukhu) को मुख्यमंत्री बनाया गया.
हिमाचल प्रदेश के कांग्रेस प्रभारी राजीव शुक्ला ने कहा कि राज्य में कांग्रेस की सरकार बनाना बेहद मुश्किल था. चुनाव प्रचार में बीजेपी ने पूरी ताकत झोंक रखी थी. पीएम मोदी समेत बीजेपी के बड़े-बड़े नेता हिमाचल में प्रचार कर रहे थे. आखिरकार हम बहुमत से सरकार बनाने में कामयाब रहे. उन्होंने कहा कि हमारी पांच सीटें और आ जातीं अगर थोड़े वोट और मिल जाते.
"चुनाव में सभी नेता एकजुट रहे"
प्रभारी राजीव शुक्ला ने कहा कि चुनाव में हमारे सभी नेता एकजुट रहे और कोई गुटबाजी नहीं हुई. सभी ने साथ मिलकर काम किया. हमने प्रचार में कोई गाली गलौच नहीं की. हमने जनता के सामने अपने वादे रखे और उन्होंने उसे स्वीकार किया. हमारे कार्यकर्ताओं ने राज्य के हर वर्ग के लोगों से मिलकर बात की. पिछली बार बीजेपी ने सरकार का गठन करने में आठ दिन लिए थे, हमने केवल 24 घंटे में सरकार का गठन करके दिखाया है. उन्होंने कहा कि हम पहली कैबिनेट मीटिंग में ओपीएस, महिलाओं को 1500 रुपये देने पर काम शुरू कर देंगे.
सुखविंदर सिंह सुक्खू को क्यों सीएम बनाया?
सुखविंदर सिंह सुक्खू को मुख्यमंत्री चुनने पर राजीव शुक्ला ने कहा कि हमने सभी विधायकों से राय ली थी. इसके बाद हाईकमान को अपनी रिपोर्ट भेजी थी. ज्यादातर विधायक सुखविंदर सिंह सुक्खू के नाम पर राजी थे और कांग्रेस अध्यक्ष प्रतिभा सिंह को भी सुखविंदर सिंह सुक्खू के नाम पर कोई एतराज नहीं था. इसके बाद सुखविंदर सिंह सुक्खू को सीएम और मुकेश अग्निहोत्री डिप्टी सीएम बनाने का फैसला लिया गया.
"हमें निर्दलीय का समर्थन भी है"
राजीव शुक्ला (Rajiv Shukla) ने कहा कि हमारी पार्टी में आगे भी कोई फूट नहीं पड़ने वाली है. हमारे पास 40 विधायक हैं और 3 निर्दलीय विधायकों का समर्थन भी हमें मिला हुआ है. हमारी सरकार कार्यकाल पूरा करेगी. प्रतिभा सिंह के बेटे विक्रमादित्य सिंह को मंत्री बनाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि इसका फैसला पार्टी हाईकमान को करना है. जल्द ही कैबिनेट का गठन किया जाएगा.
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