कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच राजकोट जिला पंचायत ने मंगलवार को बिना पूर्व अपॉइंटमेंट और कोविड-19 निगेटिव रिपोर्ट के पंचायत मुख्यालय में आगंतुकों और आवेदकों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया है. इस बारे में राजकोट के जिला विकास अधिकारी (डीडीओ) अनिल रानावासिया ने बताया कि जिला पंचायत के कुछ कर्मचारियों को कोविड-19 के संपर्क में आने के बाद यह निर्णय लिया गया है.


कुछ अधिकारियों के कोरोना टेस्ट आए हैं पॉजिटिव


वहीं उन्होंने बताया कि,  "हमारे कुछ अधिकारियों के कोरोना टेस्ट पॉजिटिव आए थे जिसके बाद ये निर्णय लिया गया है. पहले स्वास्थ्य विभाग के कुछ लोगों का टेस्ट पॉजिटिव आया और फिर दो अन्य अधिकारियों के इंफेक्शन के संपर्क में आने की बात सामने आई. हमने सोचा कि यदि सभी लोग संक्रमित होते जाएंगे तो रूटीन वर्क काफी प्रभावित होगा.” उन्होंने आगे कहा कि ये प्रतिबंध 15 अप्रैल तक रहेगा.


कई जगहों से होकर आते हैं  विजिटर्स


डीडीओ ने आगे कहा कि ये फैसला इसलिए लिया गया है क्योंकि राजकोट शहर के रेसकोर्स रिंग रोड पर जिला पंचायत कार्यालय में ग्रामीण इलाकों से विजिटर्स और आवेदक आ रहे थे. उन्होंने कहा कि, “ यहां आने वाले विजिटर्स और आवेदन कई जगहों से होकर आते हैं. वे या तो पब्लिक ट्रांसपोर्ट या खुद के वाहन से आते हैं. क्योंकि वे कई जगहों से होकर गुजरते हैं ऐसे में जिला पंचायत में काम करने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों के कोरोना संक्रमित होने का खतरा ज्यादा है. इसी कारण सुरक्षा और एहितयात बरतते हुए हमने बेवजह लोगों की एंट्री पर बैन लगा दिया है. यदि लोगों को बेहद जरूरी काम है तो वे पूर्व अपॉइंटमेंट लेकर आ सकते हैं.”


हेल्थ टीम करेगी रैपिड एंटीजन टेस्ट


वहीं ये पूछने पर कि जिले में किसी दूसरे पब्लिक ऑफिस में  ऐसा फैसला नहीं लिया गया है इस पर उन्होंने कहा कि, “ इसका मतलब ये नहीं है कि हम लोगों को पंचायत में नहीं आने देना चाहते हैं. हम सिर्फ भीड़ नहीं होने देना चाहते हैं. वहीं डीडीओ ने बताया कि एक हेल्थ टीम जिला पंचायत ऑफिस के बाहर तैनात की गई है जो आने वाले विजिटर्स और आवेदकों का रैपिड एंटीजन टेस्ट भी करेगी.


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