TRP Gaming Zone Fire: गुजरात के राजकोट में गेमिंग जोन अग्निकांड मामले में पुलिस ने तीन आरोपियों को कोर्ट में पेश किया. इस दौरान कोर्ट में युवराज सिंह सोलंकी फूट-फूटकर रोने लगा और अफसोस जताया. मामले में पुलिस ने जिन तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है उनके नाम युवराज सिंह सोलंकी, राहुल राठौर और नितिन जैन हैं.  


कोर्ट में बताया गया कि टीआरपी गेमिंग जोन में कितने लोग काम कर रहे थे इसका डेटा आरोपियों के पास नहीं है. एडवोकेट तुषार गोकानी ने कोर्ट में कहा कि आरोपी के पास कोई दस्तावेज नहीं है. जांच अधिकारी के पूछने पर उन्होंने कहा कि दस्तावेज आग में जल गए. जांच के दौरान एक पीड़ित महिला ने पुलिस को बताया कि जिस मंजिल पर आग लगी थी, उस मंजिल पर कर्मचारी दरवाजा बंद करके चला गया था.


फायर सेफ्टी सिस्टम यूज करने लायक नहीं थे


साथ ही पता चला कि इस गेमिंग जोन के पास फायर एनओसी भी नहीं थी. आरोपियों ने चार मई के दिन स्ट्रक्चर रेगुलराइज करने के लिए अर्जी दी. गेमिंग जोन को बनाने के लिए फेब्रिकेशन का इस्तेमाल किया गया. इसमें बड़ी मात्रा इलेक्ट्रिक वायरिंग लगाई गई थी. फायर विभाग ने बताया कि उस गेम जोन में फायर सेफ्टी के सिस्टम योग्य नहीं थे.


गेमिंग जोन में भारी भीड़, फिर भी चल रहा था वेल्डिंग का काम


कोर्ट में बताया गया कि गर्मी की छुट्टियों के दिन हैं, इसी वजह से यहां काफी भीड़ थी. इसके लिए खास ऑफर भी दिए गए थे, जिसमें पहले की तुलना में सस्ते टिकट रखे गए. फिर भी उस समय वेल्डिंग का काम क्यों चल रहा था? यह सबसे बड़ा सवाल है. वेल्डिंग का काम बंद रखना चाहिए था.


सबूतों को मिटाने की कोशिश की गई


पीड़ितों की तरफ बार एसोसिएशन ने कहा कि गुजरात में कई बार इस तरह की घटनाएं हो चुकी हैं. इस घटना में कई और धाराएं लगानी चाहिए. एफएसएल की टीम के आने से पहले सबूतों को मिटाने की कोशिश की गई. मामले में एजेंसी को आरोपी बनाया जाएगा. वहीं, पुलिस ने आरोपियों की 14 दिनों की कस्टडी की मांग की थी, जिसे कोर्ट ने स्वीकार करते हुए उन्होंने पुलिस हिरासत में भेज दिया.


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