Rajkot Game Zone Fire: गुजरात के राजकोट शहर में शनिवार (25 मई) शाम एक गेम जोन में लगी भीषण आग ने 27 लोगों की जिंदगियां छीन लीं. इस हादसे में मारे गए लोगों में बच्चे भी शामिल हैं. फिलहाल घटना की जांच एसआईटी को सौंप दी गई है. हालांकि, ऐसा नहीं है कि गुजरात में हुआ ये इस तरह का पहला हादसा है. पिछले कुछ सालों में गुजरात देश के कुछ सबसे ज्यादा खतरनाक हादसों का गवाह बना है, जिसमें सैकड़ों लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी है. 


राजकोट के टीआरपी गेम जोन में लगी भीषण आग तो हादसों का बेहद ही ताजा उदाहरण है. दो साल पहले भी राज्य को ऐसे ही एक दुर्घटना का सामना करना पड़ा था. दरअसल, हम मोरबी पुल हादसे की बात कर रहे हैं, जिसमें 100 से ज्यादा लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी थी. कहीं न कहीं इन दुर्घटनाओं के पीछे प्रशासन की साफ लापरवाही नजर आती है. ऐसे में आइए आपको पिछले दो सालों में गुजरात में हुए भीषण हादसों के बारे में डिटेल से बताते हैं. 


राजकोट गेम जोन में लगी भीषण आग


गुजरात के राजकोट शहर की शाम उस वक्त काली हो गई, जब खबर मिली की यहां के एक गेम जोन में भीषण आग लग गई है. शाम 4.30 बजे खबर आई कि राजकोट के एक पॉपुलर गेम जोन भीषण आग की चपेट में आ गया है. आनन-फानन में दमकलकर्मी और पुलिस मौके पर पहुंची और आग बुझाने का काम शुरू किया. दमकलकर्मियों ने लगभग तीन घंटे की मशक्कत के बाद शाम 7.30 बजे तक आग पर काबू पाया. मगर तब तक 27 लोगों की मौत हो चुकी थी. 


एसीपी विनायक पटेल ने बताया कि मृतकों में 12 साल से कम उम्र के कम से कम चार बच्चे शामिल हैं. शनिवार और गर्मी की छुट्टियों की वजह से बच्चों की भारी भीड़ अपने पैरेंट्स के साथ यहां गेम्स का लुत्फ उठाने पहुंची हुई थी. उन्हें अंदाजा भी नहीं था कि कुछ ही पलों में यहां इतना बड़ा हादसा होने वाला था. मिली जानकारी के मुताबिक, आग लगने के बाद जनरेटर के लिए रखे डीजल और गो कार रेसिंग के लिए रखे पेट्रोल के डिब्बों की वजह लपटें और भी ज्यादा तेजी से फैल गईं. 


राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राजकोट में हुए इस हादसे पर दुख जताया. मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने ऐलान किया कि हादसे में मारे गए लोगों के परिजनों को 4 लाख रुपये मुआवजे के तौर पर दिए जाएंगे, जबकि घायलों को 50 हजार रुपये मिलेंगे. सीएम की तरफ से एसआईटी जांच का भी आदेश दिया गया. गेम जोन में लगी आग इतनी ज्यादा भयंकर थी कि वह पूरी तरह से जलकर राख हो गया. हादसे के बाद पुलिस ने गेम जोन के मैनेजर और मालिक को हिरासत में लिया है. 


मोरबी में जब पुल टूटने से हुआ बड़ा हादसा


गुजरात में दो साल पहले अक्टूबर, 2022 में मोरबी पुल हादसा हुआ, जिसमें 135 लोगों की जान चली गई, जबकि 180 से ज्यादा लोग घायल हुए. यहां गौर करने वाली बात ये थी कि इस पुल को छह महीने तक रिपेयर करने के बाद हादसे से महज 5 दिन पहले ही खोला गया था. 30 अक्टूबर की शाम जब मोरबी के लोग पुल की ओर गए और उस पर चढ़े तो उन्हें मालूम नहीं था कि शायद उनमें से कुछ कभी लौटकर नहीं आने वाले हैं. ये पुल मच्छु नदी पर बना हुआ था. 


मोरबी में बना पुल 19वीं शताब्दी में अंग्रेजों के जमाने में बनाया गया था. पुल की लंबाई 230 मीटर और चौड़ाई 1.25 मीटर थी. ये एक सस्पेंशन ब्रिज था, इसलिए इस पर चढ़ने वाले लोगों की एक लिमिट भी तय की गई थी. दिवाली और गुजराती नया साल होने के मौके पर पुल को खोला गया था. 30 अक्टूबर की शाम जब पुल हादसे का शिकार हुआ तो इस पर करीब 500 से ज्यादा लोग थे, जबकि लिमिट 125 लोगों की ही थी. जैसे ही पुल टूटा, इस पर चढ़े हुए लोग नदी में गिर गए. 


राहत एवं बचाव में जुटी टीमों ने लोगों को नदी से बाहर निकाला. कुछ लोग तो हादसे में जिंदा बच गए, लेकिन कुछ के शव नदी से बाहर निकाले गए. जब रेस्क्यू ऑपरेशन समाप्त हुआ तो पता चला कि पुल हादसे में 135 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 180 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं. हादसे में जिंदा बचने वाले लोगों ने बताया था कि पुल पर इतनी ज्यादा भीड़ हो गई थी कि कुछ लोग मुश्किल से ही हिल पा रहे थे. घटना के कई दर्दनाक वीडियो भी सामने आए थे. 


यह भी पढ़ें: पेट्रोल-डीजल से भड़की आग, बिना NOC चल रहा था गेम जोन...राजकोट अग्निकांड का 'काला सच' आया बाहर