रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बुधवार को वायुसेना के कमांर्ड्स कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए साफ तौर से कहा कि देश की सीमाओं पर परिस्थितियां बेहद अस्थिर हैं इसलिए बेहद जरूरी है कि सेना के तीनों अंगों यान थलसेना, वायुसेना और नौसेना को बेहद 'शॉर्ट नोटिस' पर किसी भी आकस्मिक जवाबी कार्रवाई के लिए तैयार रहना होगा.
रक्षा मंत्री ने ये बयान सीडीएस जनरल बिपिन रावत, वायुसेना प्रमुक वी आर चौधरी और एयरफोर्स के टॉम कमांर्ड्स की मौजदूगी में दिया. इस दौरान उन्होंने कहा कि भविष्य में जो भी युद्ध होगा उसमें वायुसेना की एक अहम भूमिका होगी. ऐसे में वायुसेना को एआई यानि आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस, बिग डाटा हैंडलिंग और मशीन-लर्निंग के जरिए अपनी क्षमताओं को और धार देनी होगी.
शॉर्ट नोटिस पर जवाबी कार्रवाई के लिए तैयार रहने को राजनाथ सिंह ने कहा
रक्षा मंत्री ने वायुसेना की शांति काल और ऑपरेशन्स के दौरान उच्च ऑपरेशन्ल तैयारियों, तुरंत रेसपोंड करने की क्षमताओं और उच्च कोटि की प्रोफेशनेलिज्म के लिए जमकर तारीफ की. लेकिन उन्होनें देश की सीमाओं पर (चीन से) चल रहे गतिरोध की तरफ ध्यान आर्कषित करते हुए शॉर्ट नोटिस पर तैयार रहने का आहवान किया. राजनाथ सिंह ने देश की सीमाओं की 'वोलेटाइल' हालात को लेकर सशस्त्र सेनाओं को शॉर्ट नोटिस पर जवाबी कार्रवाई के लिए तैयार रहने को कहा.
वायुसेना के तीन दिवसीय कमांडर्स कांफ्रेंस (10-12 नबम्बर) का इस बार का थीम है. 'एनस्युरिंग सर्टेनेटी एम्डिस्ट अनसर्टेनेटी.' तीन दिनों तक वायुसेना के टॉप कंमाडर्स एयर चीफ मार्शल वी आर चौधरी, सीडीएस बिपिन रावत और दूसरे मिलिट्री कमांडर्स सहित रक्षा मंत्रालय के वरिष्ट अधिकारियों के साथ राष्ट्रीय सुरक्षा पर मंत्रणा कर रहे हैं. कमांर्डस कांफ्रेंस साल में दो बार राजधानी दिल्ली में आयोजित किया जाता है.
एयरफोर्स को मल्टी-डोमेन क्षमताओं को विकसित करने की जरूरत है- वायुसेना प्रमुख
रक्षा मंत्री ने सेना के तीनों अंगों के साझा थियटेर कमान बनाने पर जोर देते हुए कहा कि इस दौरान सभी के विचारों और चिंताओं का ध्यान रखा जाएगा. दरअसल, देश में थियेटर कमान बनाने को लेकर वायुसेना ने अपनी कुछ ऑपरेशन्ल चिंताएं जाहिर की थी. इसलिए रक्षा मंत्री ने सभी स्टेक-होल्डर्स के विचारों पर गहनता से मंथन करने पर जोर दिया.
बुधवार को सम्मलेन को संबोधित करते हुए वायुसेना प्रमुख वी आर चौधरी ने कहा कि एयरफोर्स को मल्टी-डोमेन क्षमताओं को विकसित करने की जरूरत है ताकि दुश्मन के किसी भी नापाक इरादे को तुरत मुंहतोड़ जवाब दिया जा सके. एयर चीफ मार्शल ने थलसेना और नौसेना के साथ साझा ट्रेनिंग पर जोर दिया ताकि भविष्य में होने वाले किसी भी युद्ध या फिर संघर्ष के दौरान तीनों अंगों (थलसेना, वायुसेना और नौसेना) की कॉम्बेट पावर का बेहतर इस्तेमाल किया जा सके. वायुसेना प्रमुख ने कोविड महामारी के दौरान भी जबदस्त ऑपरेशन्ल तैय़ारियों के लिए सभी कमांडर्स को बधाई भी दी.
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