नई दिल्लीः राफेल डील को लेकर सुप्रीम कोर्ट की ओर से मोदी सरकार को बड़ी राहत मिलने के बाद राजनीतिक बयानबाजी और तेज हो गई है. कोर्ट से फैसले के बाद बीजेपी इसे बड़ी जीत बता रही है तो वहीं विपक्षी पार्टियां अभी भी जेपीसी की मांग पर अड़ी हुई हैं. कोर्ट का फैसला आने के बाद केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कांग्रेस पर करारा हमला बोला साथ ही जेपीसी जांच की मांग को खारिज कर दिया. राजनाथ सिंह ने कहा कि कांग्रेस ने इस डील को लेकर झूठे आरोप लगाए थे. हमने तो पहले ही कहा था कि यह बिल्कुल सही डील है.


क्या कहा राजनाथ सिंह ने
राजनाथ सिंह ने कहा, ''हम तो पहले से कह रहे थे कि यह बिल्कुल सही डील है. कोई गड़बड़ी नहीं हुई है. सुप्रीम कोर्ट के फैसले आने के बाद साफ है कि कांग्रेस के आरोप बेबुनियाद है. जेपीसी की मांग निराधार है.''


राजनाथ सिंह ने कहा, ''सुप्रीम कोर्ट ने साफ कर दिया है. अब जो कोई भी सवाल उठा रहा था उसे जवाब मिल गया है. पीएम की ईमानदारी पर कोई सवाल ही नहीं था. उन्होंने (विपक्ष) पीएम की ईमानदारी पर सवाल उठाने की कोशिश तो की थी लेकिन कामयाब नहीं हुए.''


बीजेपी की मांग माफी मांगे राहुल गांधी
बीजेपी नेता ओम माथुर ने कहा, ''सच्चाई कभी छुपती नहीं है. जेपीसी की मांग पर माथुर ने कहा कि विपक्ष को जेपीसी की मांग करने दीजिए. विपक्ष पर हमला बोलते हुए कहा कि विपक्ष आए और इस मुद्दे पर डिबेट करे.''


वहीं मोदी सरकार के मंत्री नरेंद्र तोमर ने सदम में मांग की है कि राहुल गांधी इस मामले को लेकर माफी मांगे. वहीं केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि इस मुद्दे पर सदन में चर्चा होनी चाहिए. वहीं इस मुद्दे को लेकर राज्य सभा में भारी हंगामा हुआ है.


जेपीसी जांच की मांग पर अड़ी विपक्ष
वहीं टीएमसी के सांसद सौगत राय ने कहा है कि कोर्ट के फैसले के बाद भी संसद में हमारी मांग जारी रहेगी कि इस मुद्दे की जांच जेपीसी से करवाई जाए. विपक्षी सांसदों ने राफेल डील पर चर्चा के लिए सदन में नोटिस भी दिया है.


कोर्ट के फैसले पर क्या कहा प्रशांत भूषण ने
सुप्रीम कोर्ट से मामला खारिज होने के बाद याचिकाकर्ता प्रशांत भूषण ने कहा, ''हम इस मुद्दे को उठाते रहेंगे. हमलोग मिलकर समीक्षा याचिका दाखिल करेंगे. कोर्ट के फैसले से मैं संतुष्ट नहीं हूं.''


राफेल डील को लेकर क्या कहा सुप्रीम कोर्ट ने
इससे पहले राफेल डील को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा, ''हम इससे सन्तुष्ट हैं कि प्रक्रिया में कोई विशेष कमी नहीं रही है. भारत को विमान की ज़रूरत है, विमान की क्षमता पर शक नहीं है. 126 की बजाय 36 विमान लेने के सरकार के फैसले पर सवाल उठाना ठीक नहीं है. ऐसे मामलों में न्यायिक समीक्षा का कोई तय नियम नहीं है. राष्ट्रीय सुरक्षा के पहलू का ध्यान रखना ज़रूरी है.'' सुप्रीम कोर्ट ने यहा भी कहा कि कुछ लोगों की धारणा पर कोर्ट फैसला नहीं सुना सकता है. साथ ही कहा कि 36 विमान की खरीद पर सवाल उठाना गलत है.


राफेल डील पर उठाए गए थे सवाल
बता दें कि राफेल डील को चुनौती देते हुए वकील एम एल शर्मा, विनीत ढांडा, पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा, अरुण शौरी, वकील प्रशांत भूषण और आप सांसद संजय सिंह ने याचिकाएं दाखिल की थी. सबने विमान सौदे में कमियां गिनाईं, तय प्रक्रिया का पालन न करने, पारदर्शिता की कमी, ज़्यादा कीमत देकर कम विमान लेने जैसे सवाल उठाए और भ्रष्टाचार का भी अंदेशा जताया था.


राफेल डील: मोदी सरकार को SC से बड़ी राहत, कहा- डील की प्रक्रिया में कोई कमी नहीं