नई दिल्ली: भारत आए अमेरिकी रक्षा मंत्री ऑस्टिन की आज रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से विज्ञान भवन में प्रतिनिधिमंडल स्तर की बातचीत हुई. दोनों देश भारतीय सेना और अमेरिका की हिंद-प्रशांत कमान, मध्य कमान और अफ्रीका कमान के बीच सहयोग बढ़ाने पर सहमति हुए हैं.
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने लॉयड ऑस्टिन से मुलाकात के बाद कहा, 'भारतीय सेना और यूएस इंडो-पैसिफिक कमांड, सेंट्रल कमांड, अफ्रीका कमांड के बीच हम सहयोग बढ़ाने पर सहमत हुए हैं. भारत अमेरिका के साथ मजबूत रक्षा साझेदारी को और आगे बढ़ाने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है.'
राजनाथ सिंह ने कहा, 'बातचीत बहुत व्यापक और सार्थक रही. हम भारत-अमेरिका वैश्विक रणनीतिक साझेदारी को पूरी क्षमता के साथ आगे बढ़ाने के लिए संकल्पबद्ध हैं. सेनाओं के बीच आपसी भागीदारी, सूचना साझा करने और साजोसामान संबंधी सहयोग समेत अन्य मुद्दों पर बातचीत की गई. इसके अलावा हमने द्विपक्षीय और बहुपक्षीय अभ्यासों का जायजा लिया. अमेरिका के साथ एलईएमओए, सीओएमसीएएसए और बीईसीए जैसे द्विपक्षीय रक्षा समझौतों को लागू करने के कदमों पर केंद्रित बातचीत की गई.'
वहीं लॉयड जेम्स ऑस्टिन ने कहा, 'हमारा संबंध फ्री और ओपन इंडो-पैसिफिक रीजन का एक गढ़ है. पीएम मोदी ने कहा कि भारत फ्रीडम ऑफ नेविगेशन और फ्रीडम ऑफ ओवरफ्लाइट के लिए खड़ा है. यह क्षेत्रीय सुरक्षा के लिए हमारे साझा दृष्टिकोण की पुष्टि करता है.'
भारत के शहीदों को श्रद्धांजलि दी
ऑस्टिन तीन देशों की यात्रा के कार्यक्रम के तहत जापान और दक्षिण कोरिया की यात्रा के बाद भारत आए हैं. इस यात्रा को अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन की क्षेत्र में अपने निकट सहयोगियों और साझेदारों के साथ संबंधों को लेकर मजबूत प्रतिबद्धता दर्शाने की कोशिश के तहत देखा जा रहा है. ऑस्टिन आज सुबह राष्ट्रीय समर स्मारक गए और भारत के शहीदों को श्रद्धांजलि दी. वार्ता से पहले उन्हें विज्ञान भवन परिसर में सलामी गारद दिया गया.
ऑस्टिन ने शुक्रवार को दिल्ली पहुंचने के कुछ घंटे बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की थी और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल से वार्ता की. ऑस्टिन ने ट्वीट किया, 'यहां भारत में आकर रोमांचित हूं. दोनों देशों के बीच सहयोग की गहराई हमारी व्यापक रक्षा साझेदारी के महत्व को दर्शाती है और हम हिंद-प्रशांत क्षेत्र के सामने आने वाली चुनौतियों पर मिलकर काम कर रहे हैं.'
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