नई दिल्ली: लखनऊ में पासपोर्ट जारी करने में विवाद के बाद ट्विटर पर ट्रोल आर्मी से गाली और अपमानजनक टिप्पणियों को झेल रही विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को विपक्ष के नेताओं से जबरदस्त समर्थन मिला. इस अपमानजनक हालात में सुषमा स्वराज को अपनी पार्टी बीजेपी और सरकार ने अपना बचाव अकेला क्यों छोड़ दिया? पहली बार गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने सुषमा स्वराज से सहानभूति जताई है.
सूत्रों के मुताबिक राजनाथ ने पहले फोन पर और बाद में मुलाक़ात के दौरान सुषमा से इस पूरे विवाद पर पूछा और अफ़सोस भी जताया. विज्ञान भवन में एक कार्यक्रम के दौरान मीडिया के सवाल के जवाब में राजनाथ ने कहा कि "सुषमा स्वराज के साथ जो भी हो रहा है वो ग़लत हो रहा है."
मीडिया से बात करते हुए गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने इस बात की पुष्टि नहीं की कि उन्होंने सुषमा स्वराज से बारे में बात की है या नहीं. राजनाथ सिंह ने कहा कि "सुषमा जी से रोजाना अलग अलग मुद्दों पर बात होती है." गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने इस सवाल का भी जवाब नहीं दिया कि इस मामले ट्विटर के ग़लत इस्तेमाल कर सरकार के वरिष्ठ मंत्री को अपमानित करने के मामले कोई कार्रवाई क्यों नहीं हुई. उन्होंने इस सवाल का जवाब भी नहीं दिया कि इस मामले में सार्वजनिक रूप से निंदा पहले क्यों नहीं की गई.
गौरतलब तलब है कि ट्विटर पर गृहमंत्री खुद काफी सक्रिय हैं और मंत्रालय के फैसलों की ज्यादातर जानकारी ट्विटर पर ही देते हैं लेकिन इस मामले में उन्होंने कोई ट्वीट नहीं किया. कांग्रेस प्रवक्ता प्रियंका चतुर्वेदी को ट्विटर पर मिली धमकी पर गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि ये मामला गंभीर है और वो देखेंगे कि क्या एक्शन लिया जाता है.
गृहमंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने स्थिति साफ करते हुए कहा इस मामले में गृहमंत्रालय सीधे कोई कार्रवाई नहीं कर सकता. कार्रवाई तो राज्य पुलिस कर सकती है क्योंकि हर राज्य में साइबर सेल है जो ऐसे मामलों में कार्रवाई करता है. कार्रवाई के लिए पीड़ित को शिकायत दर्ज़ करना ज़रूरी होता है. अबतक सुषमा स्वराज ने कोई शिकायत दर्ज़ नहीं कराई है. एबीपी न्यूज़ ने जब पूछा कि ट्विटर के ग़लत इस्तेमाल को रोकने के लिए मंत्रालय में ज्वाइंट सेक्रेटरी स्तर के अधिकारी के नेतृत्व में महकमा है? इस पर गृहमंत्रालय के अफसर का जवाब दिया कि ये महकमा सिर्फ नीति बनाने के लिए है कार्रवाई का अधिकार सिर्फ राज्य पुलिस के पास है.
ट्विटर पर गालियों के बाद सुषमा स्वराज ने ट्वीट कर कहा कि "लोकतंत्र में आलोचना का अधिकार सबको है लेकिन इसकी भाषा सभ्य होनी चाहिए." सुषमा ने इस बारे में ट्विटर पर पोल भी कराया कि क्या ट्रोल करने वाले सही है? पोल का नतीज़ा चौंकाने वाला है 43 फीसदी का जवाब था कि ट्रोल करने वाले सही हैं जबकि 57 फीसदी ने इसे ग़लत माना.