बेंगलुरूः रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आज स्वदेशी लड़ाकू विमान, तेजस में उड़ान की. बेंगलुरू स्थित एचएएल फैसेलिटी में एलसीए डिवीजन की हवाई पट्टी ‌से रक्षा मंत्री ने एयर वाइस मार्शल एन तिवारी के साथ करीब आधे घंटे तक ये उड़ान भरी. उन्होनें अपनी इस उड़ान को जबरदस्त, रोमांचकारी और यादगार बताया. उड़ान के बाद रक्षा मंत्री ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि वे एचएएल (हिंदुस्तान एरोनोटिक्स लिमिटेड), डीआरडीओ के वैज्ञानिकों और एरोनोटिकल डेवलपमेंट एजेंसी (आडा) को तेजस के लिए बधाई देते हैं. उन्होनें कहा कि तेजस एक मल्टी रोल एयरक्राफ्ट है जो देश की हवाई सुरक्षा को और अधिक मजबूत करेगा.


राजनाथ सिंह ने शेयर किया उड़ान का अनुभव


उड़ान के दौरान मुख्य पायलट थे वायुसेना के एयर वाइस मार्शल एन तिवारी जो इनदिनों नेशनल फ्लाईंग टेस्ट सेंटर कए प्रोजेक्ट डायरेक्टर हैं. रक्षा मंत्री की फ्लाईंग के बाद वहां मौजूद डीआरडीओ के चैयरमैन, सतीश रेड्डी ने बताया कि हवा में कुछ देर के लिए तेजस की कमान राजनाथ सिंह के पास थी. इसपर रक्षा मंत्री ने हामी भरी और कहा कि वे वैसा करते रहे जैसाकि तेजस के कैप्टन उन्हें बताते रहे.


राजनाथ सिंह पहले रक्षा मंत्री हैं जिन्होनें स्वदेशी लड़ाकू विमान तेजस में उड़ान भरी है. इससे पहले जार्ज फर्नाडिंस और निर्मला सीतारमण ने भी देश के रक्षा मंत्री के तौर पर फाइटर जेट में उड़ान भरी थी. लेकिन दोनों ने ही भारतीय वायुसेना के रूसी लड़ाकू विमान सुखोई में उड़ान भरी थी.


राजनाथ सिंह के पास थी तेजस की कमान


सुबह करीब 9.30 बजे रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह पायलट के 'जी-सूट' पहनकर लाइट कॉम्बेट एयरक्राफ्ट (एलसीए), तेजस के कॉकपिट में बैठे. वे तेजस ट्रैनर एयरक्राफ्ट में बैठे थे जिसमें दो पायलट्स उड़ान भर सकते हैं. इससे पहले करीब 9 बजे उन्होनें जी-सूट पहनकर और वायुसेना के एक अधिकारी से ब्रीफिंग लेते अपनी तस्वीरें ट्वीट करते हुए लिखा, 'ऑल सेट फॉर द डे'.





'तेजस में लगे मिसाइलों को राजनाथ सिंह ने देखा'


इसके बाद उन्होनें एचएएल के अधिकारियों और स्टाफ से मुलाकात की और तेजस में लगे हथियारों और मिसाइलों को देखा. साथ ही एचएएल द्वारा निर्मित हेलीकॉप्टर्स को भी देखा.


रक्षा मंत्री की फ्लाईंग के बाद रक्षा सचिव, अजय कुमार ने ट्वीट कर बधाई दी और लिखा कि "आपकी उड़ान एक प्रेरणा साबित होगी और देश में स्वदेशी विमानों के डिजाइन और निमार्ण के लिए प्रेरणा साबित होगी."


भारत तेजस को निर्यात करने का बना रहा है प्लान


दरअसल, सेनाओं द्वारा स्वदेशी हथियार और विमानों के इस्तेमाल पर संशय होने को लेकर रक्षा मंत्री की तेजस में उड़ान बेहद मायने रखती है. आपको बता दें कि एचएएल अबतक 16 तेजस विमानों का निर्माण कर भारतीय वायुसेना को सौंप चुकी है. इसके अलावा अपग्रेडेड (और अधिक) एडवांस तेजस विमान (एलसीए-एफओसी) के 16 विमानों को निमार्ण बेहद तेजी ‌से बेंगलुरू स्थित प्लांट में चल रहा है.


माना जा रहा है कि वायुसेना और एचएएल के बीच 83 तेजस 'मार्क वन-ए' विमानों का सौदा जल्द होने जा रहा है. ये तेजस का 'टॉप एन्ड' मॉडल होगा जो एक वर्ल्ड क्लास फाइटर जेट की श्रेणी में शामिल हो जायेगा. ये सभी 123 तेजस लड़ाकू विमान वायु‌सेना के पुराने पड़ चुके मिग21 विमानों की जगह लेंगे.


उड़ान के बाद रक्षा मंत्री ने ऐलान किया कि भारत तेजस को निर्यात करने का प्लान बना रहा है क्योंकि कई देशों ने एलसीए को खरीदने की इच्छा जाहिर की है.


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Tejas में उड़ान भरना रोमांचकारी अनुभव: राजनाथ सिंह