मॉस्को: रूस में हर मंच पर चीनी रक्षा मंत्री वेई फेंगही के मुकाबले राजनाथ सिंह को तवज्जों मिली है. जिस तरीके से रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का स्वागत किया गया, इससे ये तो साफ हो गया कि रूस ने चीन के मुकाबले भारत की दोस्ती को ज्यादा अहमियत दी गई. रूस में हर जगह चीनी रक्षा मंत्री वेई फेंगही भारतीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के पीछे-पीछे चलते दिखाई दिए.
जब रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और चीन के रक्षा मंत्री जनरल वेइ फेंगहे एक साथ रूस के सैन्य स्मारक पर फूल चढ़ाने पहुंचे, तब रूस के सैन्य अधिकारी राजनाथ को दोनों तरफ से घेरे हुए दिखे. लेकिन चीनी रक्षा मंत्री वेई फेंगही को ज्यादा तवज्जों मिलती नहीं दिखी. वेई लगातार अलग-थलग दिखाई दिए. वेई के साथ पाकिस्तानी जनरल भी चल रहे थे. लेकिन उनपर भी रूसी अधिकारियों को नजरें इनायत नहीं थी. रूसी सैन्य अधिकारियों का सारा फोकस राजनाथ सिंह पर था.
रूस में चीनी रक्षा मंत्री की बेइज्जती?
रूस में राजनाथ सिंह का जब भी चीनी रक्षा मंत्री से सामना हुआ, पल्ला भारत का ही भारी रहा. इसका एक सबूत एससीओ की बैठक से पहले एक कार्यक्रम है. मीटिंग से पहले राजनाथ सिंह समेत एससीओ के बाकी सभी रक्षा मंत्री रूसी सेना के सबसे बड़े गिरजाघर में गए. यहां पर भी चीन के रक्षा मंत्री की अनदेखी हुई.
इस दौरान रूस के रक्षा मंत्री लगातार राजनाथ सिंह के साथ चलते दिखे. यही नहीं रूस के रक्षा मंत्री सिर्फ राजनाथ सिंह से बात करते नजर आए. चीन के रक्षा मंत्री उनके पीछे चल रहे थे. राजनाथ सिंह पहले ही चीनी रक्षा मंत्री को इग्नोर कर रहे थे. रूसी रक्षा मंत्री ने भी चीन की तरफ कोई ध्यान नहीं दिया. यहां एससीओ के और भी रक्षा मंत्री मौजूद थे. लेकिन खास बात ये है कि चीन शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) का फाउंडर मेंबर है. भारत साल 2017 में इसका सदस्य बना था. इसके बावजूद रूस के रक्षा मंत्री का ध्यान सिर्फ भारत के रक्षा मंत्री पर ही रहा. वहीं रूस में हर मंच पर राजनाथ सिंह ने इस बात का ध्यान रखा कि चीनी रक्षा मंत्री से दूरी बनाकर ही रखी जाए.
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