(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Rajnath Singh In Uttarakhand: रक्षा मंत्री ने किया उत्तराखंड में दुनिया के सबसे बड़े गुरुकुलम का शिलान्यास, पढ़ें कैसे बनेगा एंसिएंट और मॉडर्न शिक्षा का केंद्र
Rajnath Singh In Patanjali: गुरुकुल के संस्थापक रहे हैं स्वामी दर्शनानन्द. उन्होंने 118 साल पहले गुरुकुल की शुरुआत की थी. वहां राजनाथ सिंह ने विश्व के सबसे बड़े गुरुकुलम की आधारशिला रखी है.
Rajnath Singh In Uttarakhand: केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शनिवार को गुरुकुल के संस्थापक स्वामी दर्शनानन्द महाराज की जयंती के अवसर पर पतंजलि योपगीठ के गुरुकुलम का शिलान्यास किया है.
करीब 500 करोड़ रुपये की लागत से बन कर तैयार होने वाले विश्व के इस सबसे बड़े गुरुकुलम के शिलान्यास से पहले वैदिक रीति-रिवाज से पूजा पाठ हुआ. इसमें योग गुरु बाबा रामदेव के साथ उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी शामिल हुए.
ये दिग्गज नेता हुए शामिल
कार्यक्रम में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव, केन्द्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल, राज्यसभा सांसद सुधांशु त्रिवेदी, एमिटी ग्रुप के चेयरमैन डॉ. अशोक चौहान सहित कई अन्य दिग्गज लोगों ने शिरकत की है.
#WATCH | Defence Minister Rajnath Singh, along with Uttarakhand CM Pushkar Singh Dhami and Yog Guru Ramdev, attends the foundation stone laying ceremony of ‘Gurukulam Evam Acharyakulam’ at Swami Darshananand Gurukul Mahavidyalay in Haridwar. pic.twitter.com/IZebeCziCW
— ANI (@ANI) January 6, 2024
स्वामी दर्शनानंद ने 118 वर्ष पहले रखी थी गुरुकुल की नींव
इस गुरुकुलम के बारे में योग गुरु रामदेव का कहना है कि स्वामी दर्शनानन्द ने 118 वर्ष पूर्व 3 बीघा भूमि, 3 ब्रह्मचारी तथा 3 चवन्नी से गुरुकुल का प्रारंभ किया गया था. इसीलिए अब बन रहे दुनिया के इस सबसे बड़े गुरुकुलम का नाम स्वामी दर्शनानंद गुरुकुल महाविद्यालय ज्वालापुर रखा है. यह शिक्षा की क्रांति का बड़ा केन्द्र होगा. यहां छात्रों को वैदिक रीति रिवाज से पठन-पाठन के साथ ही अत्याधुनिर शिक्षा भी मिलेगी. इसके लिए तमाम इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित किए जाएंगे.
तीन बड़ी परियोजनाओं की योजना
स्वामी रामदेव का कहना है कि यहां तीन बड़ी परियोजनाएं संचालित होंगी. पहला लगभग 250 करोड़ की लागत से तैयार होने वाला 7 मंजिला भव्य पतंजलि गुरुकुलम होगा. इस गुरुकुल में लगभग 1500 छात्रों के लिए रहने की व्यवस्था होगी. इसके अतिरिक्त यहां लगभग 250 करोड़ की लागत से आचार्यकुलम की शाखा स्थापित की जाएगी जिसमें लगभग पांच हजार बच्चें डे-बोर्डिंग का लाभ ले सकेंगे. इसके साथ ही यहां महर्षि दयानन्द अतिथि भवन बनाने की भी योजना है.
पांच भाषाओं में पढ़ेंगे बच्चे
बाबा रामदेव का कहना है कि यहां आधुनिक शिक्षा और श्रेष्ठतम प्राच्य विद्या दोनों का संगम होगा. बच्चों को वैश्विक स्तर पर कीर्तिमान हासिल करने में मदद के लिए उन्हें हिन्दी,अंग्रेजी, संस्कृत से लेकर विश्व की 5 भाषाओं में शिक्षा दी जाएगी.