Defence News: गलवान घाटी तक आसानी से पहुंच सकेंगे टैंक, श्योक नदी पर बने पुल से भारत की डिफेंस पावर होगी मजबूत
देश के रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार (28 अक्टूबर) को दुरबुक-श्योक-दौलत बेग ओल्डी रोड पर 120 मीटर लंबा श्योक-सेतु तैयार किया. इस ब्रिज से 70 टन तक के टैंक आसानी से गुजर सकते हैं.
Bridge On Galvan Valley: गलवान घाटी तक टैंक पहुंचाने के इरादे से भारत ने पूर्वी लद्दाख (Eastern Laddakh) की श्योक नदी (Shyok River) पर एक नया पुल बनाकर तैयार कर लिया है. करीब 14 हजार फीट की ऊंचाई पर ये पुल बेहद सामरिक सड़क डीएस-डीबीओ (DS-DBO) पर तैयार किया गया है. शुक्रवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने खुद श्योक-सेतु का उदघाटन किया.
रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, दुरबुक-श्योक-दौलत बेग ओल्डी रोड पर 120 मीटर लंबा श्योक-सेतु तैयार किया गया है. ये क्लास-70 ब्रिज है यानि इस पर 70 टन तक का वाहन और टैंक आसानी से गुजर सकता है. इस मौके पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि यह पुल सामरिक महत्व का होगा क्योंकि यह सशस्त्र बलों को रसद और आवागमन की सुविधा प्रदान करेगा.
कितनी लंबी है ये सड़क?
डीएसडीबीओ करीब 255 किलोमीटर लंबी है और दुरबुक से श्योक होते हुए काराकोरम दर्रे के करीब दौलत बेग ओल्डी तक जाती है. ये सड़क गलवान घाटी से हो कर गुजरती है और अक्टूबर 2019 में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने श्योक नदी पर रिनचेन ब्रिज का उदघाटन किया था.
श्योक नदी पर बने इस पुल के बाद ही ये डीएसडीबीओ रोड पूरी हुई थी. ये सड़क लेह-लद्दाख से अक्साई चिन से सटे इलाकों से होकर गुजरती है. सामरिक जानकार मानते हैं कि इस सड़क के बनने और श्योक नदी पर पुल बनाने से चीन भन्ना गया था और मई 2020 में गलवान घाटी में हिंसा और तनातनी का एक बड़ा कारण बना था. लेकिन अब भारत ने श्योक नदी पर दूसरा पुल बनाकर अपने इरादे से साफ कर दिए हैं.
किसने बनाया है ये पुल?
श्योक-सेतु पुल को बॉर्डर रोड ऑर्गेनाइजेशन यानि बीआरओ ने बनाया है. श्योक-सेतु के उदघाटन समारोह के दौरान रक्षा मंत्री ने चीन और पाकिस्तान से सटी सीमा पर कुल 75 निर्माण-कार्यो का वर्चुअल उदघाटन किया. इनमें 45 पुल, 27 सड़कें, दो हेलीपैड और एक कार्बन न्यूट्रल हैबिटेट शाामिल है.
इनमें से जम्मू और कश्मीर (Jammu Kashmir) में 20, लद्दाख (Ladakh) और अरुणाचल प्रदेश में 18-18, उत्तराखंड में पांच और सिक्किम, हिमाचल प्रदेश, पंजाब और राजस्थान के सीमावर्ती राज्यों में 14 परियोजनाएं हैं. शुक्रवार को रक्षा मंत्री (Rajnath Singh) ने पूर्वी लद्दाख के थाकुंग और हैनले में दो हैलीपैड का उदघाटन भी किया. ये हेलीपैड इस क्षेत्र में भारतीय वायु सेना की ऑपरेशनल क्षमताओं को बढ़ाने में कारगर साबित होंगे.