मास्को: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बृहस्पतिवार को कहा कि उनकी उनके रूसी समकक्ष जनरल सर्गेई शोइगू के साथ बैठक शानदार रही है और इसमें व्यापक मुद्दों पर चर्चा हुई, विशेष तौर पर इस पर कि रक्षा एवं रणनीतिक सहयोग को कैसे और गहरा करना है.
राजनाथ सिंह शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की एक महत्वपूर्ण बैठक में भाग लेने के लिए तीन दिवसीय यात्रा पर बुधवार को यहां पहुंचे थे. राजनाथ सिंह ने पहले हुए समझौतों के तहत रूस द्वारा भारत को कई हथियार प्रणालियों, गोला बारूद और कल पुर्जों की आपूर्ति में तेजी लाने के लिए दबाव डाला.
राजनाथ सिंह ने ट्वीट करके कहा कि शोइगू के साथ उनकी वार्ता शानदार रही. उन्होंने एक ट्वीट करके कहा, ‘‘आज मास्को में रूसी रक्षा मंत्री जनरल सर्गेई शोइगू के साथ बैठक शानदार रही. हमने कई मुद्दों पर बात की, विशेष रूप से इस पर कि दोनों देशों के बीच रक्षा और रणनीतिक सहयोग को कैसे और गहरा किया जाए.’’
इससे पहले दिन में भारत और रूस ने अत्याधुनिक एके-203 राइफल भारत में बनाने के लिये एक बड़े समझौते को अंतिम रूप दिया. आधिकारिक रूसी मीडिया ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी. एके-203 राइफल, एके-47 राइफल का नवीनतम और सर्वाधिक उन्नत प्रारूप है. यह ‘इंडियन स्मॉल ऑर्म्स सिस्टम’ (इनसास) 5.56 गुणा 45 मिमी राइफल की जगह लेगा.
रूस की सरकारी समाचार एजेंसी ‘स्पुतनिक’ के मुताबिक भारतीय थल सेना को लगभग 7,70,000 एके-203 राइफलों की जरूरत है, जिनमें से 100,000 का आयात किया जाएगा और शेष का विनिर्मिण भारत में किया जाएगा. हालांकि, इस समझौते को अंतिम रूप दिये जाने की भारत सरकार की ओर से कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है.
रूसी समाचार एजेंसी की खबर के मुताबिक इन राइफलों को भारत में संयुक्त उद्यम भारत-रूस राइफल्स प्राइवेट लिमिटेड (आईआरआरपीएल) के तहत बनाया जाएगा. इसकी स्थापना आयुध निर्माणी बोर्ड (ओएफबी) और कलाशनीकोव कंसर्न तथा रोसोबोरेनेक्सपोर्ट के बीच हुई है.
अधिकारियों ने बताया कि सिंह उम्मीद है कि रक्षा अनुबंधों के तहत भारतीय सशस्त्र बलों को विभिन्न हथियारों और कलपूर्जों की जल्द आपूर्ति के लिए दबाव डालेंगे. भारत को एस-400 सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल प्रणाली की पहले खेप की आपूर्ति 2021 के अंत तक निर्धारित है. राजनाथ सिंह ने रूस रवाना होने से पहले ट्वीट करके कहा था कि शोइगू के साथ होने वाली बातचीत में परस्पर हितों के मुद्दे शामिल रहेंगे
जून के बाद सिंह की यह दूसरी मास्को यात्रा है. उन्होंने 24 जून को मास्को में विजय दिवस परेड में भारत का प्रतिनिधित्व किया था. विजय दिवस परेड का आयोजन द्वितीय विश्वयुद्ध में नाजी जर्मनी पर सोवियत विजय की 75 वीं वर्षगांठ पर किया गया था.
सिंह शुक्रवार को यहां शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की एक बैठक में भी शामिल होंगे जिसमें आठ सदस्य देशों के रक्षा मंत्री हिस्सा लेंगे. बैठक में आतंकवाद, अतिवाद जैसी क्षेत्रीय सुरक्षा चुनौतियों और उनसे एकजुट होकर निपटने के तरीकों पर चर्चा होने की उम्मीद है. यह बैठक ऐसे समय हो रही है जब संगठन के दो प्रमुख सदस्य देशों भारत और चीन के बीच सीमा पर गतिरोध है.