नई दिल्ली: पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ सीमा पर जारी तनाव के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सुरक्षा स्थिति की समीक्षा करने के लिए शुक्रवार सुबह लेह-लद्दाख का दौरा किया. रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने पीएम मोदी को इस दौरे के लिए धन्यवाद दिया है. राजनाथ सिंह ने एक ट्वीट करते हुए लिखा, "भारतीय सेना के रहते देश की सीमाएं हमेशा सुरक्षित रही हैं. पीएम मोदी का आज लद्दाख जाकर सेना के जवानों से भेंट करके उनका उत्साहवर्धन करने से निश्चित रूप से सेना का मनोबल और ऊंचा हुआ है. मैं प्रधानमंत्री जी के इस कदम की सराहना करते हुए उन्हें धन्यवाद देता हूं."
दरअसल, पीएम मोदी ने यह दौरा भारत-चीन सीमा पर हिंसक संघर्ष के बमुश्किल 18 दिन बाद किया है. समुद्र तल से 11 हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित एक दुर्गम इलाके नीमू में उन्हें सेना, वायु सेना और भारत-तिब्बत सीमा पुलिस द्वारा इस मामले को लेकर सारी जानकारियां दी गईं. यह इलाका सिंधु के तट पर जांस्कर रेंज से घिरा हुआ है.
बता दें कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह द्वारा लद्दाख की अपनी यात्रा को रद्द करने के ठीक एक दिन बाद यहां मोदी का दौरा हुआ है. पहले राजनाथ सिंह को आज सीमा पर तैनात सैनिकों के साथ बातचीत करने के लिए पूर्वी लद्दाख क्षेत्र का दौरा करना था. 15 जून को चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी द्वारा किए गए बर्बर हमले के दौरान घायल हुए सैनिकों के साथ भी वे बातचीत करने वाले थे. इस हमले में भारत के 20 जवान शहीद हुए और चीनी सेना के भी कई लोग हताहत हुए, लेकिन चीन ने अब तक आंकड़ों का खुलासा नहीं किया है.
मोदी ने कहा था- सैनिकों बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा
इस हमले के दो दिन बाद 17 जून को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि गलवान घाटी में लड़ाई के दौरान शहीद हुए 20 सैनिकों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा. उन्होंने यह भी कहा था कि भारत शांति चाहता है लेकिन उकसाए जाने पर वह "मुंहतोड़ जबाव" देगा. मोदी ने कहा था, "भारत की अखंडता और संप्रभुता हमारे लिए सर्वोच्च है और कोई भी हमें इसका बचाव करने से नहीं रोक सकता है. किसी को भी इस बारे में कोई संदेह नहीं होना चाहिए. भारतीय सैनिक मारते मारते मरे हैं."
मोदी ने यह भी कहा था कि पूरा देश उन लोगों के परिवारों के साथ है जिन्होंने देश के लिए अपना बलिदान दिया. भारत अपने क्षेत्र के एक-एक इंच की रक्षा करेगा. भारत एक शांतिप्रिय देश है जिसने हमेशा पड़ोसियों के साथ मैत्रीपूर्ण संबंधों को बनाए रखने की कोशिश की है.
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